SCO Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा संकट से निपटने के लिए लचीली आपूर्ति शृंखला की आवश्यकता पर बल दिया. मोदी ने कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर इस साल 7.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद दुनिया के सामने आर्थिक रूप से पटरी पर लौटने की चुनौती है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 और यूक्रेन में उपजे हालात के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है, जिससे खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा संकट पैदा हुआ.
मोदी ने कहा कि एससीओ को क्षेत्र में लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने का प्रयास करना चाहिए और इसके लिए बेहतर संपर्क सुविधा और एक-दूसरे को पारगमन अधिकार देना महत्वपूर्ण होगा. मोदी ने भारत के आर्थिक विकास का जिक्र करते हुए कहा कि भारत एक विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में इस साल 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने की उम्मीद है और यह दर दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी. मोदी ने कहा कि भारत एससीओ देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग का समर्थन करता है. इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं. आठ देशों के इस प्रभावशाली समूह का शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन पर रूस के हमले और ताइवान जलडमरूमध्य में चीन के आक्रामक सैन्य रुख के कारण भू-राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. मोदी ने शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई.
शिखर सम्मेलन के परिसर में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. मोदी करीब 24 घंटे के दौरे पर बृहस्पतिवार की रात यहां पहुंचे थे. मोदी ने समरकंद रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हूं.’’ कोविड-19 के कारण दो साल बाद एससीओ का ऐसा शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसमें नेता व्यक्तिगत रूप से मौजूद हैं. एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे. एससीओ सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है. समरकंद शिखर सम्मेलन में ईरान को एससीओ के स्थायी सदस्य का दर्जा दिए जाने की संभावना है.
(इनपुट-भाषा)