Sawan 2023: भागलपुर: बिहार के सुल्तानगंज से झारखंड के देवघर (बैद्यनाथ धाम) तक के 105 किलोमीटर लंबे विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला क्षेत्र में कांवड़ियों को मुकम्मल सुविधा मिले, इसके लिए जिला प्रशासन से लेकर पर्यटन विभाग हर कोशिश कर रहा है. 4 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावण महीने को लेकर सुल्तानगंज को भी कांवड़ियों के स्वागत के लिए सजधज कर तैयार किया जा रहा है. सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा से ही कांवड़िए पवित्र जल उठाते हैं. जहां से 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके देवघर पहुंचकर बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करते हैं. कांवड़ियों के ठहरने के लिए टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है. नमामि गंगे घाट पर कांवड़ियों के आवासन की व्यवस्था के लिए के दो बड़े पंडाल बनाए जा रहे हैं.
नमामि गंगे घाट पर 2,000 कांवड़ियों के आवासन के लिए दो बड़े पंडाल लगाए जा रहे हैं. अबरखा में 600 और मुंगेर के खैरा में 200 कांवड़ियों के रहने की क्षमता के लिए दो टेंट सिटी बसाई जा रही है. इस वर्ष मेला क्षेत्र को पॉलीथिन मुक्त बनाने की पहल की गई है. मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि पॉलीथिन के उपयोग पर रोक से गंदगी नहीं फैलेगी. इससे नाला भी जाम नहीं होगा और गंगा भी मैली नहीं होगी.
मुख्य सचिव ने कहा कि पुलिस बलों और दंडाधिकारियों के आवासन की व्यवस्था स्कूलों में होती है. इससे पूरे माह बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बाधित रहती है. इस बार दो माह तक श्रावणी मेला चलेगा. उन्होंने पंडाल बनाकर पुलिस और दंडाधिकारियों के आवासन की व्यवस्था करने की बात कही है. एक अधिकारी ने बताया कि इस बार पैदल कांवड़ियों की सही गणना के लिए पर्सन डिटेक्टिंग मशीन लगाई जाएगी. गंगा के खतरनाक घाट को भी चिह्नित कर बैरिकेडिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. इधर, सुल्तानगंज के दुकानदार भी मेले की तैयारी में जुट गए हैं. इस वर्ष सावन महीना 4 जुलाई से प्रारंभ होगा, जबकि समापन 31 अगस्त को होगा.
(इनपुट-आईएएनएस)
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