मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बैंकों से नोटों को छांटने वाली मशीनों की हरेक तिमाही में शुद्धता परखने को कहा, ताकि निर्धारित मानकों के अनुरूप नोटों का चलन सुनिश्चित किया जा सके. नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद आरबीआई ने 200, 500 और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए थे. इसके अलावा अन्य मूल्य वाले नोटों की नई श्रृंखला भी जारी की गई थी.
रिजर्व बैंक ने बैंक नोटों की नई सीरीज लाने के परिप्रेक्ष्य में कहा कि नोटों की असलियत और उनकी स्थिति परखने वाले मानकों की समीक्षा की गई है और अब संशोधित दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं. आरबीआई ने नकली नोटों की पहचान संबंधी मानकों के बारे में जारी एक परिपत्र में कहा कि एक असली नोट वास्तविक होने के साथ इतना साफ भी हो कि उस पर अंकित मूल्य को आसानी से मशीन परख सके. वहीं, कटे-फटे या खराब हालत वाले नोट को चलन से बाहर किए जाने लायक बताया गया है. इसी के साथ आरबीआई ने जिस श्रृंखला के नोट को चलन से बाहर कर दिया है, उन्हें भी ‘अनफिट’ माना गया है.
आरबीआई ने कहा, “एक नोट को दोबारा इस्तेमाल में लायक तभी माना जा सकता है जब वह ‘फिटनेस’ के सभी मानकों पर खरा उतरे.” इसी के साथ आरबीआई ने बैंकों में नकदी की गिनती के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनों के लिए भी कुछ मानदंड निर्धारित किए हैं. ये मशीनें संदिग्ध व जाली नोटों की शिनाख्त कर पाने में सक्षम होनी चाहिए, ताकि उन्हें चलन से बाहर किया जा सके. आरबीआई ने कहा, “बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नोटों की छंटनी करने वाली मशीनों की सटीकता और निरंतरता का तिमाही आधार पर परीक्षण होता रहे. अगर जरूरी लगे तो उन्हें बदल दिया जाए. बैंक अधिकारियों को इसका रिकॉर्ड भी रखना होगा.”
(इनपुट-भाषा)