Caste Census in Bihar: पटना: बिहार में जाति आधारित गणना पर रोक लगाने से पटना हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. इस संबंध में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना को रद्द करने के लिए लगभग आधा दर्जन याचिकाएं पटना उच्च न्यायालय में दायर की गई हैं. मंगलवार को इन याचिकाओं पर सुनवाई की गई. कई वकीलों ने जातिगत जनगणना पर रोक लगाने का कोर्ट से अनुरोध किया. वहीं, कोर्ट का कहना था कि इस मामले में किसी तरह का अंतरिम आदेश नहीं दिया जाएगा. अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 मई को होगी.
याचिकाकर्ताओं की ओर से बिहार में जाति आधारित गणना को समाज में भेदभाव पैदा करने वाला और तनाव उत्पन्न करने वाला बताया गया है. कहा गया है कि इससे भविष्य में सामाजिक स्तर पर कई तरह के तनाव पैदा हो सकते हैं. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार आकस्मिक निधि से 500 करोड़ रुपये खर्च कर बिहार में जातिगत जनगणना करा रही है, जो कि निर्धारित प्रावधान का दुरूपयोग है.
याचिका में कहा गया है कि सरकार नागरिकों की गोपनीयता के अधिकार में दखलंदाजी कर रही है. यदि कोई नागरिक अपनी जाति का खुलासा नहीं करना चाहता है तो भी उसकी जाति की जानकारी सभी को हो जाएगी. यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा इस प्रकार की जनगणना कराने का कोई आधार नहीं है. गौरतलब है कि बिहार में जाति आधारित गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हो गया है.
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