Twin Towers Debris Survey: भारत के अवैध ट्विन टावर्स एपेक्स और सेयेन रविवार को नौ सेकंड के विस्फोट के बाद मलबे में तब्दील हो गए. इसके बाद एडिफिस इंजीनियरिंग की टीम ने मलबे का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है. एडिफिस इंजीनियरिंग, जेट डिमोलिशन, सीबीआरआई और नोएडा के अधिकारियों की टीमों ने आस-पास की इमारतों का विश्लेषण और सर्वेक्षण शुरू कर दिया है.
भारत के सबसे ऊंचे ढ़ांचे, ट्विन टावरों को रविवार दोपहर 2:30 बजे नियंत्रित इम्प्लोजन तकनीक का उपयोग करके ध्वस्त कर दिया गया. करीब 800 करोड़ रुपये के ट्विन टावरों को गिराने में लगभग आठ महीने की मेहनत लगी. एक अनुमान के अनुसार, विध्वंस कार्य पर कुल 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो बिल्डर द्वारा वहन किया जाएगा.
नौ साल पहले बने इस टावर को धूल और मलबे में तब्दील होने में महज नौ सेकेंड का समय लगा. विध्वंस की कवायद पूरी होने के बाद नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि योजना के तहत ही अभ्यास कराया गया. उन्होंने कहा कि सफाई की जा रही है, क्षेत्र में गैस और बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी, जबकि लोगों को शाम के बाद पड़ोसी सोसायटी में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी.
सीईओ ने कहा कि अभी तक आस-पास की इमारतों को कोई नुकसान नहीं हुआ है, हालांकि, अंतिम अवलोकन बाद में किया जाएगा. ढ़हाने की कवायद को सुरक्षित रूप से अंजाम देने के लिए ट्विन टावरों के आसपास करीब 500 पुलिस और यातायात कर्मियों को तैनात किया गया था. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे दोपहर 2.15 से 2.45 बजे के बीच बंद रहा. जबकि शहर में ड्रोन के लिए नो-फ्लाई जोन स्थापित किया गया था.
विस्फोट के लिए आखिरी बटन दबाने वाले भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता के साथ काम करने वाले सहायक विनय सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया. उन्होंने कहा कि टावरों के गिरने से आज हमारी महीनों की मेहनत और लगन का सुखद अंत हुआ है.
(इनपुट-आईएएनएस)