Bihar Liquor Case: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों पर संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजा है. अधिकारियों को 4 सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट देने को भी कहा गया है. बता दें कि बिहार के सारण में जहरीली शराब पीने से 60 से अधिक लोगों की मौत की खबर सामने आई है, हालांकि जिला प्रशासन इस आंकड़े से कम लोगों की मौत की पुष्टि कर रहा है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से जानकारी दी गई कि उन्होंने बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब के सेवन से कई लोगों की मौत होने की मीडिया रिपोर्ट्स का स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने कहा कि 2016 से बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है, हालांकि प्रतिबंध का कार्यान्वयन खराब रहा है. आयोग ने देखा है कि यदि ये रिपोर्ट्स सही हैं, तो मानवाधिकारों के लिए चिंता पैदा करती हैं.
आयोग ने कहा कि जाहिर तौर पर, रिपोर्ट की गई घटना बिहार राज्य में अवैध/नकली शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने की अपनी नीति को लागू करने में राज्य सरकार की विफलता को इंगित करती है. इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी की स्थिति, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों के चिकित्सा उपचार और मुआवजे सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.
वहीं, आयोग इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहता है. गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों में बिहार में जहरीली शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत की खबर सामने आ चुकी है. सरकार ने मामले की जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया है. वहीं, घटना के बाद से ही विपक्ष शराबबंदी को लेकर सरकार पर सवाल उठा रहा है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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