Modi Cabinet Decision: केंद्रीय मंत्रिमंडल (Central Cabinet) ने बुधवार को बैंकों को 3 लाख रुपये तक के अल्पावधि कृषि ऋण प्रदान करने के लिए 1.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. ब्याज सबवेंशन वित्तीय वर्षों 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिए प्रदान किया जाएगा. ब्याज सबवेंशन में इस वृद्धि के लिए 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी.
कैबिनेट की बैठक के बाद, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य उन बैंकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है जो संशोधित ब्याज सबवेंशन (Interest Subvention) योजना के तहत किसानों को अल्पकालिक ऋण देते हैं, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि हाल के महीनों में रेपो दरों में बढ़ोतरी की गई है. बैंकों पर इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़े, इसे देखते हुए 1.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता सरकार की ओर से की जा रही है. इससे किसानों को पहले की तरह ही सस्ते ब्याज दर पर लोन मिलता रहेगा.
केंद्र सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कृषि ऋण पर 1.5 फीसदी सालाना इंटरेस्ट सबवेंशन दिया जाएगा। इसके लिए 34,856 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया जाएगा: केंद्रीय मंत्री @ianuragthakur #CabinetDecisions pic.twitter.com/ByaYg6yI4n
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) August 17, 2022
अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि इस निर्णय से यह भी सुनिश्चित होगा कि किसानों के लिए अल्पकालिक ऋण सुविधा जारी रहे और उन्हें ऋण पर उच्च ब्याज दर का भुगतान नहीं करना पड़े. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ब्याज सबवेंशन में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह की स्थिरता सुनिश्चित होगी और साथ ही वित्तीय स्वास्थ्य और ऋण देने वाली संस्थाओं, विशेष रूप से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों की व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पर्याप्त कृषि ऋण सुनिश्चित होगा.
गौरतलब है कि ब्याज सबवेंशन योजना (Interest Subvention Scheme) के तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर 7 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है. ऋण का समय पर भुगतान करने पर किसानों को ऋण पर केवल 4 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है, क्योंकि उन्हें 3 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन मिलता है.
(इनपुट-आईएएनएस)