Loksabha Election 2024: पटना: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन शेष हैं, ऐसे में जहां सभी योद्धा (उम्मीदवार) चुनावी मैदान में एक-दूसरे को पछाड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं, वहीं अपने-अपने ’योद्धाओं’ को इस चुनावी महाभारत में विजयी बनाने के लिए दिग्गज जुटे हुए हैं. बिहार में इस चुनाव में प्रमुख दलों के मुखिया खुद तो चुनाव मैदान में नहीं उतरे हैं, लेकिन वे अपने प्रत्याशियों को विजयी बनाने में लगे हुए हैं. विपक्षी दलों के महागठबंधन के प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अभी तक चुनावी प्रचार में नहीं निकले हैं, लेकिन उनके पुत्र तेजस्वी यादव अपने दल में ’सारथी’ की भूमिका में नजर आ रहे हैं. तेजस्वी यादव कहीं से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन प्रतिदिन तीन से चार चुनावी जनसभा कर अपने योद्धाओं की जीत सुनिश्चित कराने में लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी इस चुनाव में अब तक प्रचार करने नहीं निकली हैं.
ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस में भी है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह हाल ही में राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए हैं, ऐसे में उनके भी चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है. लेकिन, कांग्रेस की रणनीति को सरजमीं पर उतारने की जिम्मेवारी उन्हीं पर है. विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के हिस्से में भी तीन सीटें आई हैं, लेकिन अब तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है. वैसे, सूत्र बताते हैं कि पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. ऐसे भी सहनी राजद नेता तेजस्वी के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं.
इधर, एनडीए में शामिल जदयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. नीतीश एनडीए के योद्धाओं के समर्थन में जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. जद (यू) के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार भी कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास पुरुष वाली छवि और उनके काम एनडीए के प्रत्याशियों को जीत दिलाने में निर्णायक बनेंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव नहीं लड़ना कोई गलत नहीं है. इससे मुख्य रणनीतिकार को प्रचार के लिए पूरा समय मिलता है.
बिहार भाजपा के बड़ा चेहरा माने जाने वाले बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी चुनाव मैदान में उम्मीदवार नहीं हैं. ये लगातार सुबह से शाम तक विभिन्न क्षेत्रों में जाकर एनडीए उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहे हैं. बहरहाल, रणनीतिकार इस चुनाव में अपने-अपने योद्धाओं को विजयी बनाने में लगे हैं, देखना है कि कौन सारथी ’कृष्ण’ बन चुनावी महाभारत में विजयी होता है. बिहार में लेाकसभा चुनाव के सभी सात चरणों में मतदान होना है. इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच माना जा रहा है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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