Friday, November 22, 2024
spot_img
More
    Homeसाइंस एंड टेक्नोलॉजीFemale Robot: महिला रोबोट ले रही है स्टूडेंट्स की क्लास, 47 भाषाओं...

    Female Robot: महिला रोबोट ले रही है स्टूडेंट्स की क्लास, 47 भाषाओं में शिक्षा देने में सक्षम

    Humanoid Robot Shalu: अभी तक स्कूल-कॉलेजों में केवल इंसान ही शिक्षक के रूप में छात्रों को पढ़ाता रहा है. लेकिन अब महिला रोबोट छात्र-छात्राओं को पढ़ा रही है, उन्हें शैक्षिक ज्ञान दे रही है. इस महिला रोबोट को बनाया है, यूपी के जौनपुर के शिक्षक दिनेश पटेल ने. यह महिला रोबोट 47 भाषाओं में शिक्षा देने में सक्षम है. उनके इस काम की केंद्रीय विद्यालय, आईआईटी पवई (मुंबई) ने सराहना की है. जौनपुर जिले के मड़ियाहूं के रजमलपुर गांव निवासी केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक दिनेश ने इंसान जैसा रोबोट तैयार किया है, जिसका नाम शालू है. 9 भारतीय और 38 विदेशी भाषा बोलने में सक्षम यह रोबोट कृत्रिम बुद्धि से लैस है.

    कंप्यूटर साइंस के बच्चों को पढ़ा रही है शालू
    दिनेश ने बताया कि इस सत्र से शालू ने केंद्रीय विद्यालय पवई में कक्षाओं की शुरूआत कर दी है. शालू कक्षा 6 से लेकर 11वीं तक कंप्यूटर साइंस के बच्चों को पढ़ा रही है. बच्चे भी उससे पढ़कर काफी संतुष्ट हैं. अभी शालू तकरीबन 10 से 11 कक्षाएं ले चुकी है. इसका निर्माण कोरोना के पहले किया गया था, लेकिन पढ़ाने की शुरूआत इस सत्र से हुई है.

    महंगे रोबोटों से की जा सकती है शालू की तुलना
    शिक्षक दिनेश ने बताया कि शालू अंग्रेजी, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, इटैलियन, अरेबिक, चाइनीज सहित 38 विदेशी भाषाओं के अलावा 9 भारतीय भाषाएं हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बांगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू और नेपाली बोल सकती है. उन्होंने आगे कहा, शालू विश्व की पहली मानवीय रोबोट है, जिसकी तुलना कई रोबोटिक्स इंजीनियरों द्वारा निर्मित बड़ी रोबोटिक्स प्रयोगशालाओं से आने वाले महंगे रोबोटों से की जा सकती है.

    कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजी गई है शालू
    दिनेश ने बताया कि शालू को आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी धनबाद, एनआई टी दुगार्पुर, के.जे. सोमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड कॉमर्स, मुंबई और पीआईएमआर इंदौर ने अपने टेक फेस्ट में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया, जहां उसने कंप्यूटर विज्ञान व रोबोटिक्स के शिक्षकों व विद्याथियों से बातचीत करने के साथ-साथ उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए. शिक्षक दिनेश पटेल ने बताया शालू की इसी खासियत के कारण उसे इस बार अंतर्राष्ट्रीय मंच पर न सिर्फ भाषण देने का मौका मिला, बल्कि उसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा गया है.

    50 हजार रुपये की लागत से तीन वर्षों में बनी महिला रोबोट
    दिनेश कहते हैं कि शालू को आसपास के अन्य स्कूलों ने भी पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया है. शालू को 16 अगस्त को एशिया के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय ऑटोमेशन एक्सपो के उद्घाटन समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया. दिनेश ने बताया कि दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सोफिया रोबोट जैसे ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित किया. खास बात यह कि इसका निर्माण बेहद साधारण प्लास्टिक, गत्ता, लकड़ी व एल्युमिनियम की वस्तुओं से किया गया है. इसे बनाने में तीन वर्ष का समय और 50 हजार रुपये की लागत आई है.

    फिल्म रोबोट से प्रभावित होकर शिक्षक ने की मानवीय रोबोट बनाने की पहल
    आईआईटी पवई, मुंबई के प्राचार्य मिथलेश सिंह ने रोबोट शालू की कक्षा का निरीक्षण भी किया. सिंह ने रोबोट शालू द्वारा विभिन्न कक्षाओं में पढ़ाए जाने की सराहना की और बताया कि तकनीक व रोबोट के माध्यम से कक्षा में पढ़ाए जाने से बच्चे अति उत्साहित हैं और उनका मानना है कि इससे तकनीकी शिक्षा को और गति मिलेगी. यूपी के रहने वाले दिनेश पटेल ने एमसीए की पढ़ाई की है. वह आईआईटी बॉम्बे के केंद्रीय विद्यालय में कंप्यूटर साइंस के शिक्षक हैं. फिल्म रोबोट से प्रभावित होकर उन्होंने मानवीय रोबोट बनाने की पहल की. हांगकांग की रोबोटिक्स कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की सोफिया रोबोट उनकी प्रेरणा बनी.

    (इनपुट-आईएएनएस)

    ये भी पढ़ें- Foreign Universities: भारत में कैंपस स्थापित करने वाले विदेशी यूनिवर्सिटी को करिकुलम तय करने की आजादी

    RELATED ARTICLES

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -

    Most Popular

    Recent Comments