Sunday, October 20, 2024
spot_img
More
    HomeनेशनलHijab Ban Case: कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन मामले में...

    Hijab Ban Case: कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

    SC Decision on Hijab Ban Case: सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने के निर्णय को चुनौती दी गयी है. उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को उडुपी में ‘गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज’ की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने कक्षाओं के भीतर हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध किया था.

    अदालत ने कहा था कि यह (हिजाब) इस्लाम धर्म में अनिवार्य धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है. राज्य सरकार ने पांच फरवरी 2022 को दिए आदेश में स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा पहुंचाने वाले वस्त्रों को पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था. उच्चतम न्यायालय में उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दायर की गयी हैं. जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने आज इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

    7 सितंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि पोशाक का अधिकार एक मौलिक अधिकार (Fundamental Right) है, तो फिर क्या कपड़े नहीं पहनने का अधिकार भी एक मौलिक अधिकार बन जाता है?” जब मुस्लिम छात्र पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि कई स्टूडेंट्स रूद्राक्ष और क्रॉस को धार्मिक प्रतीक के तौर पर पहनते हैं तो जज ने कहा, “रुद्राक्ष, क्रॉस आदि बाहर से नहीं दीखते. वो सब यूनिफॉर्म के भीतर होते हैं.”

    जस्टिस हेमंत गुप्ता ने 7 सितंबर की सुनवाई में कहा था कि कोई भी पोशाक के अधिकार से इनकार नहीं कर रहा है. यहां समस्या यह है कि एक विशेष समुदाय सिर पर स्कार्फ पहनने पर जोर दे रहा है, जबकि अन्य समुदाय ड्रेस कोड (Dress Code) का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अन्य समुदायों के छात्र यह नहीं कह रहे हैं कि वे यह और वह पहनना चाहते हैं. जस्टिस गुप्‍ता ने मुस्लिम छात्र के वकील से कहा था कि यदि कोई छात्रा सलवार-कमीज पहनना चाहती है या छात्र धोती पहनना चाहते हैं, तो क्‍या इसकी भी अनुमति दे दी जाए? अभी आप Right to Dress की बात कर रहे हैं, तो बाद में आप Right to Undress की बात भी करेंगे, ये जटिल सवाल है.

    (इनपुट-भाषा/आईएएनएस)

    ये भी पढ़ें- आतंकवाद पर सबसे बड़ा प्रहार: NIA और ED की 10 राज्यों में छापेमारी, PFI प्रमुख सहित 100 से अधिक गिरफ्तार

    RELATED ARTICLES

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -

    Most Popular

    Recent Comments