ISRO SSLV Rocket: भारत के छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) का पहला मिशन रविवार को विफल हो गया. इस एसएसएलवी पर कुल 56 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. एसएसएलवी-डी1 के दो उपग्रहों के साथ सुबह करीब 9.18 बजे प्रक्षेपित किए जाने के कुछ घंटों बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि उपग्रह अनुपयोगी हैं, क्योंकि ये निर्धारित कक्षा से अलग कक्षा में चले गए.
इसरो ने मिशन के बारे में एक बहुत ही संक्षिप्त बयान में कहा, “सभी चरणों ने सामान्य रूप से प्रदर्शन किया. दोनों उपग्रहों को अंत:क्षेपित किया गया. लेकिन हासिल की गई कक्षा अपेक्षा से कम थी, जो इसे अस्थिर बनाती है.” इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा, “जब उपग्रहों को इस तरह की कक्षा में स्थापित किया जाएगा तो वे वहां ज्यादा समय तक नहीं रहेंगे और नीचे आ जाएंगे.”
सोमनाथ ने कहा, “दो उपग्रह पहले ही उस कक्षा से नीचे आ चुके हैं और वे अब प्रयोग करने योग्य नहीं हैं.” विशेषज्ञों का एक समूह इस विफलता की जांच करेगा कि यह अस्वीकार्य कक्षा में क्यों गया. सोमनाथ ने कहा कि छोटे सुधारों के पुन: सत्यापन के बाद, इसरो जल्द ही अगला एसएसएलवी-डी 2 लॉन्च करेगा. देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ को मनाने की उम्मीद में इसरो ने अपने नए बनाए गए रॉकेट लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान – विकासात्मक उड़ान (एसएसएलवी-डी1) का प्रक्षेपण किया था.
(इनपुट-आईएएनएस)