Indigenous Light Combat Helicopter: भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने देश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) को सोमवार को औपचारिक रूप से अपने बेड़े में शामिल कर लिया. इससे वायुसेना की ताकत में और वृद्धि होगी, क्योंकि यह बहुपयोगी हेलीकॉप्टर कई तरह की मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है. इसका नाम प्रचंड रखा गया है. जोधपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी (Vivek Ram Chaudhari) की उपस्थिति में चार हेलीकॉप्टर को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया.
रक्षा मंत्री ने कहा- देश की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण क्षण है जो रक्षा उत्पादन में भारत की क्षमता को दर्शाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना भारत की संप्रभुता की रक्षा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और मुझे विश्वास है कि LCH के शामिल होने के बाद इसकी समग्र क्षमता में और वृद्धि होगी.’’ सिंह ने कहा, ‘‘हम कुछ घटनाक्रमों के बाद देश के रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. देश की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और हमेशा रहेगी.’’ उन्होंने स्वदेश निर्मित हेलीकॉप्टर (Indigenously Built Helicopter) में भरोसा जताने के लिए वायुसेना की सराहना भी की.
5.8 टन वजन के LCH में हैं दो इंजन
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि इस एलसीएच की क्षमता वैश्विक स्तर पर अपनी श्रेणी के हेलीकॉप्टर के बराबर है. इस मौके पर एक सर्व-धर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया. एलसीएच को सार्वजनिक उपक्रम ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (HAL) ने विकसित किया है और इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है. 1999 के करगिल युद्ध (Kargil War) के बाद ऐसे हेलीकॉप्टर की आवश्यकता महसूस की गई थी. अधिकारियों ने बताया कि 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है.
हेलीकॉप्टर में रडार से बचने की है खूबी
बता दें कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) ने स्वदेश में विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए मंजूरी दी थी. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे. अधिकारियों ने बताया कि LCH और ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव में कई समानताएं हैं. उन्होंने बताया कि इसमें कई विशेषताएं हैं जिनमें ‘स्टील्थ’ (रडार से बचने की) खूबी के साथ ही बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली से लैस और रात को हमला करने व आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता शामिल हैं.
(इनपुट-भाषा)