Thursday, November 21, 2024
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    विष्णुपद मंदिर में CM नीतीश के साथ गैरहिंदू मंत्री ने किया प्रवेश, मामले ने पकड़ा तूल

    पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद प्रतिदिन किसी न किसी मंत्री को लेकर विवाद सामने आ रहा है. ताजा विवाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी के विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में जाने का है. गैरहिंदू मंसूरी के मंदिर के गर्भगृह में जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. भाजपा ने इस मुद्दे को लपकते हुए इसे हिंदू धर्म का अपमान तक करार दे दिया.

    दरअसल, यह मामला मंगलवार का है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गया स्थित विष्णुपद मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में जाकर विशेष पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनके साथ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी समेत अन्य नेता भी मौजूद थे. अब इसे लेकर मंदिर प्रबंधन ने नाराजगी जताई है. बता दें कि मंदिर के प्रवेशद्वार के दोनों किनारों पर शिलापट्ट लगा हुआ है, जिस पर लिखा है कि मंदिर में अहिंदू (गैर-हिंदू) श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है.

    सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के गर्भगृह में जाने के बाद मंदिर समिति ने इस पर रोष व्यक्त किया है. विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शंभू लाल बिट्ठल ने कहा, “उस वक्त हमें भी इसकी जानकारी नहीं थी. जो लोग उन्हें जानते थे, उन्हें मंत्री को रोकना चाहिए था. इससे सनातन धर्म और पंडा समाज को ठेस पहुंची है. यह वर्षों की परंपरा है.” उन्होंने कहा कि अब तक यहां कभी ऐसा नहीं हुआ था.

    भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मंत्री के मंदिर में प्रवेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधर्मियों ने मंदिर को अपमानित किया. जब मंदिर में लिखा हुआ है कि गैर-हिंदू का प्रवेश वर्जित है, इसके बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंदुओं की भावना को आहत किया है. इधर, भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने सनातन धर्म में विश्वास करने वाले आम हिंदुओं की भावना को आहत किया है. उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार हिंदू धार्मिक परंपरा में विश्वास नहीं करते. यदि नीतीश कुमार सेक्युलराइटिस से पीड़ित हैं, तो उन्हें मक्का-मदीना जाकर नमाज अदा करना चाहिए.”

    निखिल आनंद ने आगे कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार ने जानबूझकर प्राचीन सनातन हिंदू धार्मिक मानदंडों को तोड़कर मंदिर परिसर को प्रदूषित करने की कोशिश की है और साथ ही साथ ही स्थानीय पुजारी के नियम का उल्लंघन किया है, उन्हें हिंदू धर्म और विश्व स्तर पर सनातन धर्म में विश्वास करने वाले सभी लोगों से माफी मांगनी चाहिए. राजनीतिक कारणों से और वोटबैंक के लिए मुसलमानों को खुश करने का नीतीश कुमार का यह फोटो-शॉप सेशन गंभीर रूप से निंदनीय है. वहीं, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, “बिहार में सांप्रदायिक जहर घोलने वालों को करारा जवाब मिलेगा. सूबे में संप्रादायिक टिप्पणी करने वालों की जगह जेल है.”

    (इनपुट-आईएएनएस)

    ये भी पढ़ें- नीतीश पर गिरिराज सिंह का बड़ा हमला, कहा- सीएम मटेरियल तो हैं ही नहीं, पीएम मटेरियल कहां से होंगे

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