Gaya: गया जिले के घने जंगल में बुधवार को एक हार्डकोर नक्सली संदीप यादव की रहस्मय स्थिति में मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक केके मिश्र ने नक्सली संदीप यादव की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि उसकी मौत के सटीक कारण का अभी पता नहीं चल सका है. बता दें कि विभिन्न मामलों में पांच राज्यों की पुलिस मोस्ट वांटेड नक्सली संदीप यादव की तलाश कर रही थी.
संदीप यादव कई मामलों में था वांटेड
देर रात नक्सली के शव को गया जिले के लुटुआ थाना क्षेत्र के उसके पैतृक गांव बाबूरामडीह लाया गया. मृतक नक्सली बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की एक्शन कमिटी का मेंबर था. केके मिश्र ने बताया कि संदीप औरंगाबाद और उसके आस-पास के जिलों में नक्सलियों द्वारा संचालित विघटनकारी गतिविधियों के संबंध में विभिन्न थानों में दर्ज कई मामलों में वांछित था.
84 लाख का इनामी था संदीप
बता दें कि मोस्ट वांटेड संदीप पर विभिन्न राज्यों की सरकारों ने 84 लाख से अधिक का इनाम रखा था. संदीप यादव पर झारखंड सरकार ने 50 लाख तो बिहार सरकार ने 25 लाख के इनाम की घोषणा की थी. बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में नकसली संदीप की दहशत थी. गया में चार लोगों को फांसी देकर मारने के बाद से वो हिट लिस्ट में आ गया था.
संदीप पर 500 मामले थे दर्ज
बताया जा रहा है कि जब संदीप के शव को बरामद किया गया तो उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे. उसकी मौत कैसे हुई है अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. हालांकि, संदीप के घरवालों का कहना है कि उसकी मौत दवा के रिएक्शन की वजह से हुई है. गौरतलब है कि नक्सली संदीप पर 500 मामले दर्ज थे. वह मूल रूप से गया के बांकेबाजार प्रखंड के बाबूरामडीह गांव का रहने वाला था. संदीप यादव कम उम्र से ही नक्सली संगठन से जुड़ गया था.
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