पटना: बिहार के राजनीतिक गलियारे से बड़ी खबर है. किडनैपिंग केस में आरोपी राज्य के पूर्व कानून मंत्री और राजद (RJD) नेता कार्तिक कुमार (Karthik Kumar) अंडरग्राउंड हो गए हैं. पटना पुलिस (Patna Police) आज, रविवार को उनके पैतृक आवास और सरकारी आवास पर वारंट लेकर पहुंची थी, लेकिन उन्हें अरेस्ट नहीं कर सकी. इसे लेकर पटना SSP मानवजीत सिंह ढ़िल्लों ने अपने बयान में कहा है कि अब पुलिस वारंट को कोर्ट में वापस करेगी. इसके बाद वो कोर्ट से फिर से नॉन बेलेबल वारंट के लिए अनुरोध करेंगे.
विधि मंत्रालय का दायित्व वापस लिए जाने के बाद कार्तिक कुमार ने दिया था इस्तीफा
बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष के निशाने पर आए विधि मंत्री (Law Minister) कार्तिक कुमार से विधि मंत्रालय का दायित्व वापस ले लिया गया था. अदालत द्वारा जारी किए गए वारंट (Warrant) को लेकर विवादों में घिरे कार्तिक कुमार को गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया था, वहीं गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को विधि मंत्री बनाया गया. हालांकि कार्तिक कुमार ने बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
शिक्षक भी रह चुके हैं कार्तिक कुमार
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधान परिषद सदस्य कार्तिक कुमार पटना स्थानीय निकाय से 2022 में एमएलसी बने. मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) के करीबी माने जाने वाले कार्तिक कुमार शिक्षक भी रह चुके हैं, जिससे ये कार्तिकेय मास्टर के नाम से भी जाने जाते हैं.
अदालत द्वारा वारंट जारी होने के बाद विवादों में आए थे मंत्री
BJP से अलग होने के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की सरकार में कार्तिक कुमार (Karthik Kumar) को मंत्री बनाते हुए विधि मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसके बाद वे सुर्खियों में आ गए. विधि मंत्री बनते ही अदालत द्वारा वारंट जारी होने के बाद वे विवादों में आ गए. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार को घेरना शुरू कर दिया. हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तब कहा था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
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