Monday, April 7, 2025
spot_img
Homeएजुकेशनभारत में कैंपस स्थापित करने वाले विदेशी यूनिवर्सिटी के लिए UGC ने...

भारत में कैंपस स्थापित करने वाले विदेशी यूनिवर्सिटी के लिए UGC ने तय किए नियम

Foreign Universities Campuses in India: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने गुरुवार को बताया कि विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए यूजीसी से मंजूरी लेनी होगी. प्रारंभ में इन्हें 10 साल के लिए मंजूरी दी जाएगी और उन्हें प्रवेश प्रक्रिया, फी स्ट्रक्चर तय करने की छूट होगी. कुमार ने यूजीसी (भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों का परिसर स्थापित करने व परिचालन करने) संबंधी नियमन 2023 पर संवाददाताओं से चर्चा के दौरान यह बात कही. कुमार ने कहा, ‘‘भारत में परिसर स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों को अपनी स्वयं की प्रवेश प्रक्रिया तैयार करने की छूट होगी. ये संस्थान फीस ढ़ांचा तय कर सकते हैं.’’

यूजीसी के अध्यक्ष ने बताया कि यूरोप के कुछ देशों के विश्वविद्यालयों ने भारत में परिसर स्थापित करने में रूचि दिखाई है. उन्होंने कहा कि चूंकि विदेशी विश्वविद्यालय भारत सरकार से वित्त पोषित संस्थान नहीं हैं, ऐसे में उनकी दाखिला प्रक्रिया, फीस ढ़ांचे के निर्धारण में यूजीसी की भूमिका नहीं होगी. कुमार ने कहा, ‘‘विदेशी विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके भारतीय परिसरों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता, उनके मुख्य परिसर में दी जाने वाली शिक्षा के समान ही गुणवत्तापूर्ण हो.’’ उन्होंने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालय, भारत में शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठजोड़ करके परिसर स्थापित कर सकते हैं. यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी की मंजूरी की जरूरत होगी और उन्हें शुरू में 10 साल के लिए ही मंजूरी दी जाएगी.

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘विदेश से कोष का आदान-प्रदान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत होगा.’’ कुमार ने कहा कि भारत में परिसर स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालय केवल परिसर में प्रत्यक्ष कक्षाओं के लिए पूर्णकालिक कार्यक्रम पेश कर सकते हैं, ऑनलाइन माध्यम या दूरस्थ शिक्षा माध्यम से नहीं. यह पूछे जाने पर कि क्या इन विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों में आरक्षण नीति लागू होगी, कुमार ने कहा कि दाखिले संबंधी नीति निर्धारण के बारे में निर्णय विदेशी विश्विद्यालय करेंगे और इसमें यूजीसी की भूमिका नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया और छात्रों की जरूरतों का आकलन करने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था हो सकती है, जैसा कि विदेशों में विश्वविद्यालयों में होता है.

(इनपुट:पीटीआई-भाषा)

ये भी पढ़ें- MCD Mayor Election: मेयर-डिप्टी मेयर के लिए 6 जनवरी को चुनाव, तैयारियां पूरी

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments