Driving License New Rules: बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. मार्च 2025 से राज्य के सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर परीक्षा देना अनिवार्य होगा. वर्तमान में यह सुविधा केवल पटना और औरंगाबाद में उपलब्ध थी, लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है.
टेस्टिंग ट्रैक की अनिवार्यता
परिवहन विभाग के अनुसार, राज्य के 36 जिलों में से 26 जिलों में टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. शेष 10 जिलों में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और मार्च तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य है. इन ट्रैकों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में आवेदकों की ड्राइविंग क्षमता की परीक्षा ली जाएगी.
पारदर्शिता और सुरक्षा में वृद्धि
इस नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी. सभी आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन के बाद टेस्टिंग ट्रैक पर परीक्षा देनी होगी, जिससे उनकी वाहन चलाने की क्षमता और यातायात नियमों की समझ का मूल्यांकन किया जा सकेगा. केवल योग्य उम्मीदवारों को ही लाइसेंस प्रदान किया जाएगा, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार की उम्मीद है.
एजेंटों की भूमिका में कमी
जिन जिलों में यह व्यवस्था अभी तक लागू नहीं थी, वहां एजेंटों की मदद से बिना उचित परीक्षण के लाइसेंस जारी होने की शिकायतें थीं. टेस्टिंग ट्रैक की अनिवार्यता से ऐसी अनियमितताओं पर रोक लगेगी और योग्य ड्राइवरों को ही लाइसेंस मिल सकेगा.
ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया
आवेदन: अपने नजदीकी आरटीओ से आवेदन पत्र प्राप्त करें या परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करें.
टेस्ट स्लॉट बुकिंग: आवेदन के बाद, उपलब्ध तारीख और समय के अनुसार टेस्ट स्लॉट बुक करें.
टेस्टिंग ट्रैक पर परीक्षा: निर्धारित समय पर टेस्टिंग ट्रैक पर पहुंचकर सीसीटीवी निगरानी में ड्राइविंग टेस्ट दें.
लाइसेंस जारी: परीक्षा में सफल होने पर आपका ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा.
यह भी पढ़ें- Bihar News: नशे में पकड़े गए प्रधानाध्यापक का वीडियो वायरल, कहा- शराब पीना मजबूरी