Hajj Yatra: केंद्र सरकार ने हज में ‘वीआईपी कोटा’ खत्म करने का फैसला किया है, ताकि देश के आम लोगों को इससे फायदा हो और इस धार्मिक यात्रा में ‘वीआईपी कल्चर’ खत्म हो. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘यह (हज में वीआईपी कोटा खत्म करने का) फैसला हो चुका है. प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही वीआईपी कल्चर खत्म करने का संकल्प राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत किया था.’’
ईरानी ने कहा, ‘‘हज कमेटी और हज यात्रा को लेकर संप्रग सरकार के समय वीआईपी कल्चर स्थापित किया गया था. इसके अंतर्गत संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के पास हज का विशेष कोटा होता था.’’ उन्होंने बताया, ‘‘अब प्रधानमंत्री ने अपना कोटा राष्ट्र को समर्पित किया, ताकि इसमें वीआईपी संस्कृति नहीं रहे और आम हिंदुस्तानी को सुविधा मिले. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मैंने भी अपना कोटा छोड़ा है. हमने हज कमेटी से चर्चा की कि आप वीआईपी कल्चर छोड़ दें और कोटा समाप्त कर दें. सभी राज्यों की हज कमेटियों ने इसका समर्थन किया.’’
उधर, हज कमेटी के सूत्रों ने बताया कि मंत्री की इस घोषणा के बाद अगले कुछ दिनों के भीतर इस फैसले से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. बता दें कि ‘वीआईपी कोटे’ के तहत राष्ट्रपति के पास 100 हज यात्रियों का कोटा होता था तो प्रधानमंत्री के पास 75, उपराष्ट्रपति के पास 75 और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के पास 50 का कोटा होता था. इसके अतिरिक्त, हज कमेटी के सदस्यों/पदाधिकारियों के पास 200 हज यात्रियों का कोटा होता था.
हज कमेटी के सूत्रों ने बताया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने गत 14 नवंबर को एक पत्र लिखकर हज में ‘वीआईपी कोटा’ खत्म करने से जुड़े फैसले की जानकारी दी थी और कहा था कि हज कमेटी के 200 हज यात्रियों के कोटे को सामान्य कोटे के साथ शामिल किया जाए. हज के लिए भारत का कोटा करीब दो लाख हज यात्रियों का है.
(इनपुट:पीटीआई-भाषा)
ये भी पढ़ें- Caste Census: बिहार में जातिगत जनगणना पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट में 13 जनवरी को सुनवाई