Caste Census in Bihar: पटना: बिहार में जातिगत जनगणना का दूसरा चरण आज, यानी 15 अप्रैल से विधिवत प्रारंभ हो रहा है. शनिवार से प्रगणक द्वारा घर-घर पहुंचकर जाति पूछने का कार्य किया जाएगा. जाति आधारित गणना के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक एप्लीकेशन भी तैयार किया है. 150 घरों के लिए एक प्रगणक की व्यवस्था की गई है. हालांकि, प्रगणक को अपनी सुविधा के अनुसार गणना करनी है. उन्हें यह टारगेट नहीं दिया गया है कि एक दिन में कितनी तय संख्या में घरों में जाकर गणना करनी होगी.
जाति आधारित गणना के पहले फेज में राज्य भर में घरों की नंबरिंग की गई थी. सर्वेक्षण के दौरान घरों के आगे नंबर दिए गए थे. घरों के नंबर की एंट्री वेबसाइट पर कर दी गई है. इसका सत्यापन भी हो चुका है. सभी प्रगणक के मोबाइल पर एप्लीकेशन उपलब्ध है. इसी के आधार पर कास्ट बेस्ड सेन्सस का काम चलेगा.
घर-घर जाकर जाति की जानकारी (डिटेल्स) एंट्री करने में प्रगणक को बहुत अधिक समय नहीं लगे, इसके लिए उनके एप पर पहले से ही सभी जातियों के कोड डाल दिए गए हैं. प्रगणक को जाति पूछकर उससे जुड़े कोड को घर के नंबर के साथ डालना होगा. इसी के आधार पर जाति की गणना हो जाएगी. इसके बाद आर्थिक स्थिति से जुड़े प्रश्न भी पूछे जाएंगे. आर्थिक स्थिति से जुड़े सवालों में घर में कितने लोग नौकरी करते हैं, घर के लोग कौन सा व्यवसाय करते हैं, घर का कोई सदस्य यदि बिहार से बाहर रहता है तो उसकी जानकारी आदि शामिल होंगे.
घर में कितनी संख्या में मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप या फिर टीवी आदि है, यह भी जातिगत जनगणना के दौरान पूछा जाएगा. इसके अलावा, घर में कितनी संख्या में वाहन हैं, यह जानकारी भी प्राप्त की जाएगी. प्रदेश मुख्यालय के स्तर पर इस तरह की व्यवस्था की गई है कि एक क्लिक पर उन्हें यह मालूम होगा कि किस ब्लॉक में एक दिन में कितनी संख्या में जाति आधारित गणना का काम पूरा हुआ. कितने घरों में गणना की गई, इसकी रिपोर्ट उपलब्ध रहेगी.
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