Monday, September 23, 2024
spot_img
More
    Homeआपका जिलाभोजपुर (आरा)जैव विविधता प्रबंधन समितियों का सम्मलेन 25 जून को, जानिए कार्यक्रम का...

    जैव विविधता प्रबंधन समितियों का सम्मलेन 25 जून को, जानिए कार्यक्रम का उद्देश्य

    Biodiversity Management Committees Conference: बिहार में पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डा प्रेम कुमार की अध्यक्षता में पहली बार जिला व प्रखंड स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों का ऑनलाइन सम्मेलन 25 जून 2024 को आयोजित होगा. मंत्री प्रेम कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम पंचायतों, प्रखंड पंचायत समितियों व जिला पर्षद में गठित जैव विविधता प्रबंधन समितियों को संबोधित करेंगे. यह जानकारी भोजपुर वन प्रमंडल पदाधिकारी विकास अहलात व रेंज ऑफिसर रंजन शर्मा ने दी है.

    बताया गया कि इस सम्मलेन में सभी वन प्रमंडल अधिकारी, जिला पंचायतीराज पदाधिकारी भाग लेंगे. कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक, बिहार व वरिष्ठ वन अधिकारी और बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के अध्यक्ष, सचिव व वरीय पदाधिकारी भी हिस्सा लेंगे. भोजपुर जिले के 14 प्रखंड, 226 पंचायत सीधे जैव विविधता सम्मेलन से जुड़ेंगे. कार्यक्रम सुबह 11 बजे से दोपहर 12:25 बजे तक होगा.

    जैव विविधता की भूमिका प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण को विकास प्रक्रियाओं के साथ संतुलित करने में महत्वपूर्ण है. क्षेत्रीय स्तर पर जैव विविधता संरक्षण के हितों को धरातल पर सुनिश्चित करने में स्थानीय पंचायतीराज शासन की सक्रिय सहभागिता अनिवार्य है. इसी प्रयोजन से जैव विविधता अधिनियम 2002 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत पूरे राज्य में जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन कराया गया है. बिहार राज्य में 8058 ग्राम पंचायत, 534 प्रखंड, 38 जिला व 35 नगर निकायों में जैव विविधता प्रबंधन समितियां हैं.

    Advertisement

    कार्यक्रम का उद्देश्य

    . प्रत्येक पंचायत में जन जैव विविधता पंजी का संधारण किया जाता है, जिनमें पेड़-पौधों, जड़ी-बूटी, घांस, कृषि उत्पाद, बागवानी, पशु व अन्य जलीय उत्पादन और प्राकृतिक वन क्षेत्रों का ब्यौरा रहता है.

    . पहले सम्मेलन में मंत्री द्वारा प्रेरणादायक संबोधन के माध्यम से जैव विविधता प्रबंधन समितियों का उन्मुखीकरण किया जाएगा, ताकि वे सक्रियता से अपने क्षेत्र में जैव विविधता संरक्षण के क्रिया-कलापों में सहभागी बन सकें.

    . क्षेत्र में पाए जाने वाले जैव संसाधनों के संरक्षण, संवहनीय उपयोग व उनके वाणिज्यिक उपयोग को विनियमित करने संबंधी विषयों पर प्रकाश डाला जाएगा. साथ ही पंचायत, प्रखंड, जिला स्तर पर गठित समितियों को सुदृढ़ करने और उनकी जैव विविधता संरक्षण में सहभागिता सुनिश्चित करने के संबंध में चर्चा होगी.

    यह भी पढ़ें- अटल पेंशन योजना से 1.22 करोड़ नए सदस्य जुड़े, खाताधारकों की संख्या हुई 6.62 करोड़

    RELATED ARTICLES

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -

    Most Popular

    Recent Comments