Bihar Politics: पटना: बिहार की राजनीति में गुरुवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक रीतलाल यादव ने अपने भाई और भांजे के साथ दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर बेउर जेल भेज दिया गया. रीतलाल यादव ने यह कदम पटना पुलिस द्वारा उनके ठिकानों पर की गई छापेमारी के बाद उठाया, जिसमें उनके खिलाफ रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगे थे.
पुलिस ने दानापुर और पटना में रीतलाल यादव के 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें लगभग 10.5 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, जमीन के दस्तावेज और अन्य सामग्री बरामद हुई थी. एक बिल्डर ने आरोप लगाया था कि रीतलाल यादव ने उनसे 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और न देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और विधायक के ठिकानों पर छापेमारी की.
लालू यादव के करीबी विधायक रीतलाल यादव ने आत्मसमर्पण के बाद कहा कि यह कार्रवाई राजनीतिक द्वेषपूर्ण भावना से प्रेरित है और उन्होंने पुलिस-प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह आत्मसमर्पण न्याय व्यवस्था, विधि, संविधान और लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था का प्रतीक है.

इस घटनाक्रम से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है. राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. सरकार ने कहा है कि कानून अपना काम करेगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, जबकि विपक्ष ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है.

यह भी पढ़ें- Bihar Election: क्या बिहार में राजनीतिक विकल्प बनेंगे पीके? या वोटकटवा तक सीमित रहेगी पार्टी की भूमिका?