Politics in Bihar: बिहार की राजनीति से इस समय की सबसे बड़ी खबर है. बिहार में जेडीयू-बीजेपी का गठबंधन टूट चुका है. जेडीयू की बैठक में गठबंधन तोड़ने का निर्णय लिया जा चुका है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने बिहार में भारतीय जनता दल के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया है। एनडीए गठबंधन में दरार की खबरों के बीच नीतीश कुमार आज शाम 4 बजे पटना के राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करेंगे.
इस बीच, जदयू के सभी विधायकों और सांसदों ने पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन किया। सूत्रों ने कहा, ‘आज जदयू की बैठक में पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों ने सीएम नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन किया और कहा कि वे उनके साथ हैं. उन्होंने कहा कि वे हमेशा उनके साथ रहेंगे, चाहे वह कुछ भी तय करें।”
इधर, कांग्रेस और वाम दलों ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को अपने विधायकों की लिस्ट सौंपी। राबड़ी देवी के आवास पर राजद की बैठक में कांग्रेस और वाम दलों के विधायक भी मौजूद रहे। इस दौरान तेजस्वी यादव को अपनी लिस्ट सौंपी गई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा, “हम नीतीश कुमार का समर्थन करेंगे, अगर वह भाजपा छोड़ देते हैं और महागठबंधन की मदद से नई सरकार बनाते हैं। हमने अपनी पार्टी के सभी 19 विधायकों की लिस्ट राजद नेता तेजस्वी यादव को सौंप दी है।”
भाकपा (माले) के विधायक महबूब आलम ने कहा, “हमने तेजस्वी यादव को अपने विधायकों की लिस्ट दे दी है। हम भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे। हम नई सरकार के गठन के लिए नीतीश कुमार को समर्थन दे रहे हैं।” मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वाम दलों ने कथित तौर पर नीतीश कुमार सरकार को बाहर से समर्थन देने और कैबिनेट में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया है कि तेजस्वी यादव ने गृह मंत्रालय पोर्टफोलियो और स्पीकर पद की मांग की है। अब सबकी निगाहें नीतीश कुमार के अगले कदम पर टिकी हैं।
(इनपुट-आईएएनएस)