पटना: बिहार में नीतीश सरकार के मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार ने अब कामकाज संभाल लिया है. नीतीश कुमार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से इस्तीफा दिए जाने के बाद भाजपा अब सरकार से बाहर हो गई है. भाजपा अब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) वाली पुरानी भूमिका यानी विपक्ष की भूमिका में होगी. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब विधानसभा में विपक्ष के नेता की चर्चा जोर पकड़ ली है. विपक्ष के नेता को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. चर्चा है कि भाजपा एक तेजतर्रार नेता की तलाश में है जो न केवल तर्कपूर्ण सवालों से सरकार को घेर सके, बल्कि उसकी छवि भी इमानदार और दमदार हो.
कहा जा रहा है कि राजग की सरकार में तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी दो उपमुख्यमंत्री थे, लेकिन ये दोनों इस भूमिका में फिट नहीं बैठ रहे हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि जिस सोच से भाजपा ने राजग की नीतीश नेतृत्व वाली सरकार में इन दोनों को उपमुख्यमंत्री बनाया था, उस कसौटी पर भी ये खरे नहीं उतरे. ऐसे में, भाजपा दूसरे नेता की तलाश में है. भाजपा सूत्रों का कहना है कि भाजपा विपक्ष के नेता के जरिए सामाजिक समीकरण दुरूस्त करने का भी मन बनाए हुए है.
भाजपा को नजदीक से जानने वाले मानते हैं कि भाजपा विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को इस पद पर बैठा सकती है. माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सिन्हा की छवि तर्कपूर्ण बयानों, धैर्यवान के रूप में उभरी है. कहा जा रहा है कि पिछले दिनों विधानसभा में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अध्यक्ष के बीच जो बहस हुई थी, उसमें भी सिन्हा भारी नजर आ रहे थे.
इधर चर्चा नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, अमरेन्द्र प्रताप सिंह और नितिन नवीन की भी है. इसमें कोई शक नहीं कि नितिन नवीन की छवि भी दमदार रही है. भाजपा के एक नेता हालांकि यह भी कहते हैं कि भाजपा के पास नेताओं की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि दोनों सदन में कई ऐसे नेता हैं जो विपक्ष के नेता की भूमिका संभालने के योग्य हैं. वहीँ, बिहार के भाजपा नेताओं की एक बैठक दिल्ली में भी हो रही है, जिसमें भाजपा के विपक्ष के तौर पर उसकी भूमिका को लेकर चर्चा होगी.
(इनपुट-आईएएनएस)
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