Bihar Nikay Chunav: बिहार के नगर निकाय चुनाव में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के मामले में पटना हाईकोर्ट में 19 अक्टूबर को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले को ईबीसी कमीशन के समक्ष भेजने का निर्देश दिया है. ईबीसी कमीशन को अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार रिपोर्ट देना होगा. हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ईबीसी कमीशन की रिपोर्ट के आने के बाद ही बिहार में नगर निकाय चुनाव आयोजित कराए जाएं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण तब ही दिया जा सकता है, जब सरकार ट्रिपल टेस्ट कराकर रिपोर्ट पेश करेगी. जबकि नीतीश सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अनदेखा कर चुनाव कराने में लगी थी. इस दौरान पटना हाईकोर्ट के फैसले से बिहार नगर निकाय चुनाव पर रोक लग गई थी. इसके बाद, बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की.
अब बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने के लिए तैयार है. बता दें कि पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद नीतीश सरकार बैकफुट पर आ गई थी. आयोग अब बिहार में उन जातियों का पता लगाएगा, जिन्हें पर्याप्त राजनीतिक भागीदारी नहीं मिल रही है. सरकार के द्वारा हाईकोर्ट में कहा गया कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, ट्रिपल टेस्ट कराने की प्रक्रिया में लग गई है.
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण को ‘अवैध’ बताया था. कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि अति पिछड़ा के लिए आरक्षित सीटों को फिर से अधिसूचित करके, उन्हें सामान्य श्रेणी की सीटों में शामिल करके चुनाव कराएं, या सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ट्रिपल टेस्ट कराकर नए सिरे से आरक्षण का प्रावधान बनाएं.
ये भी पढ़ें- Bihar By Election: बिहार उपचुनाव में महागठबंधन से दूर हुआ जदयू! लगाए जा रहे कई कयास