पटना: बिहार विधानसभा के पांच बार के विधायक अनंत कुमार सिंह को मंगलवार को पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उन्हें एके-47, हथगोले और अन्य हथियार रखने के लिए भारतीय विस्फोटक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था.
पुलिस ने अनंत सिंह के पैतृक आवास में मारी थी रेड
बता दें कि पुलिस ने पटना से 35 किलोमीटर दूर लदमा गांव (बाढ़ अनुमंडल) में अनंत सिंह के पैतृक आवास में छापेमारी कर हथियार बरामद किया था. इस मामले में उनके नौकर को भी दस साल की सजा सुनाई गई है. अनंत सिंह पहले जदयू के विधायक भी रह चुके हैं. दस साल की जेल की सजा के साथ, उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और चुनाव लड़ने से रोक दिया जाएगा.
सजा से कम होंगे जेल में बिताए दिन
कोर्ट ने एके-47 और हैंड ग्रेनेड मामले में अनंत सिंह व उनके नौकर को दस-दस साल की सजा सुनाई है. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश त्रिलोकी नाथ दुबे की अदालत ने विधायक और एक अन्य आरोपी को 10 साल कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, कोर्ट ने कहा है कि आरोपी ने जितने दिन जेल में बिताए हैं, उसे सजा से कम किया जाएगा.
दो वर्ष से अधिक की सजा पर विधायकी समाप्त होने का है प्रावधान
गौरतलब है कि यह मामला बाढ़ थाना कांड संख्या 389/2019 का है. सुनवाई के बाद, पीपी ने कहा कि दो वर्ष से अधिक अवधि की सजा पर चुनाव नहीं लड़ने और विधानसभा की सदस्यता को स्वत: समाप्त करने का प्रावधान है. इसी के आधार पर अनंत सिंह अब पूर्व विधायक बनेंगे. फिलहाल वे राजद से विधायक हैं.
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