Bihar News: पटना: बिहार में मदरसा शिक्षा बोर्ड से इंटरस्तरीय मौलवी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद स्टूडेंट्स अब सीधे इंजीनियरिंग-मेडिकल की प्रवेश परीक्षा, यानी जेईई-नीट एग्जाम में शामिल हो सकेंगे. इसके साथ ही, वाणिज्य की उच्च शिक्षा के लिए भी एंट्रेंस एग्जाम दे सकेंगे. मदरसा शिक्षा बोर्ड ने बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड की तर्ज पर मौलवी के सिलेबस और परीक्षा पैटर्न में आधुनिक बदलाव किया है. परीक्षा फॉर्म और शुल्क जमा करने के लिए भी हाईटेक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.
बता दें कि बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड तीन स्तर की परीक्षा का आयोजन करता है. 8वीं कक्षा की परीक्षा को वस्तानिया कहा जाता है. कक्षा 10 की परीक्षा पास करने वालों को फोकानिया और इंटरमीडिएट पास छात्रों को मौलवी की डिग्री दी जाती है. सरकार ने मदरसा शिक्षा बोर्ड की परीक्षा को बिहार बोर्ड के समकक्ष मान्यता दी है. इसके बावजूद, मदरसा शिक्षा बोर्ड से परीक्षा में उत्तीर्ण स्टूडेंट्स व्यावसायिक या विज्ञान आधारित परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकते थे. क्योंकि उन्हें केवल आर्ट्स स्ट्रीम के विषयों के साथ फोकानिया की शिक्षा दी जाती थी. इससे आगे की पढ़ाई के लिए कॉमर्स व साइंस स्ट्रीम में बच्चों का दाखिला नहीं हो पाता था. इस कारण बिहार मदरसा बोर्ड से कक्षा 10 के समकक्ष फोकानिया की परीक्षा पास करने के बाद स्टूडेंट्स बीएसईबी से इंटरमीडिएट की परीक्षा देते थे.
इस वर्ष बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली मौलवी की परीक्षा 800 अंकों की होगी. इनमें प्रत्येक संकाय के विषयों के साथ ही भाषा के दो विषय भी होंगे. इसके अलावा, संबंधित संकाय के तीन मुख्य विषय होंगे. जैसे विज्ञान संकाय में भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान या गणित होगा. भाषा के विषयों में दीनियात अरबी, फारसी, अंग्रेजी और हिंदी को शामिल किया गया है.
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