Bihar News: पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पूरी हो जाने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समान विचारधारा वाले दलों की बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं. जनता दल (यूनाइटेड) नेता ने कहा कि वह ‘यात्रा’ को कांग्रेस के ‘निजी’ (आंतरिक) कार्यक्रम के रूप में देखते हैं, लेकिन ‘महागठबंधन’ के सभी सात घटक लोकसभा में सहयोग के लिए तत्पर हैं. बिहार की नीतीश सरकार में कांग्रेस कनिष्ठ सहयोगी के रूप में शामिल है.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जद (यू) अपने संसदीय बोर्ड के नाराज प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पर कार्रवाई नहीं करना चाहेगा. उन्होंने पार्टी के “कमजोर” होने के दावे को खारिज कर दिया. कुमार ने संवाददाताओं से कहा, “मैं यात्रा के खत्म होने और (भाजपा के विरोध में) विभिन्न दलों की बैठक बुलाने की प्रतीक्षा कर रहा हूं. वहां हम लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे.” राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पूर्व सहयोगी रहे नीतीश कुमार अपनी पार्टी को विभाजित करने के कथित प्रयासों के बाद पिछले साल अगस्त में एनडीए से अचानक बाहर आ गए था, जबकि भाजपा ने आरोप लगाया था कि कुमार अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लोगों के जनादेश को धोखा दे रहे हैं.
कुशवाहा के बारे में पूछे जाने पर जद (यू) नेता ने कहा, “वह (कुशवाहा) जानते थे कि हमने विधानसभा चुनाव में केवल 43 सीटें जीती हैं. अगर चीजें उन्हें इतनी निराशाजनक लग रही थीं, तो उन्हें वापस नहीं आना चाहिए था. उन्हें याद रखना चाहिए कि पार्टी में उनकी वापसी फलदायी रही, क्योंकि कई लोग उन्हें वापस लेने के पक्ष में नहीं थे.’’ जद (यू) ने तत्कालीन लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की मदद से भाजपा द्वारा रची गई एक “साजिश” पर अपनी हार का आरोप लगाया था, जिन्होंने (चिराग ने) उन सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जहां कुमार की पार्टी चुनाव लड़ रही थी और कई भगवा पार्टी के बागियों को टिकट दिया गया था. कुमार ने कहा, “कुशवाहा को याद रखना चाहिए कि इस पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है. वह विधानसभा और राज्यसभा में अपने पिछले कार्यकाल और विधान परिषद की वर्तमान सदस्यता के लिए जद (यू) के ऋणी हैं.”
(इनपुट:पीटीआई-भाषा)
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