Saturday, April 26, 2025
spot_img
More
    Homeराज्यबिहारBihar News: शादियों में करारे नोटों की बढ़ी मांग, 10 की गड्डी...

    Bihar News: शादियों में करारे नोटों की बढ़ी मांग, 10 की गड्डी 1500 में, दूल्हे को पहनाने वाली माला भी महंगी

    Bihar News: शादी-विवाह और मांगलिक कार्यों का सीजन शुरू हो चुका है. इन दिनों में नोटों की माला बनाने, हवा में पैसे उछालने, चढ़ावा चढ़ाने या नेग के लिए नए नोटों की जरूरत होती है. यही कारण है कि शादियों में 10, 20 और 50 रुपये के नोटों की भारी मांग हो जाती है. लेकिन, बिहार के अधिकांश क्षेत्रों के ज्यादातर बैंकों में 10 व 20 रुपये के नोटों की गड्डियां नहीं मिल पा रही हैं. ग्राहक बैंकों में जाकर 10 व 20 रुपये की करेंसी मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है. कुछ बैंकों में उपलब्ध हैं भी तो कटे-फटे हुए.

    बाजारों में 10 रुपए की गड्डी 1000 रुपए की जगह 1500 से 1600 रुपए में मिल रही है. ऐसे में, लोग बाजार से ज्यादा कीमत पर करेंसी खरीदने को मजबूर हैं. बाजार में 100, 200 और 500 रुपये के नोट तो काफी मात्रा में उपलब्ध हैं, लेकिन छोटे नोटों की अनुपलब्धता के कारण ग्राहकों को अनावश्यक खर्च का भार सहना पड़ रहा है.

    बिहार में शादी-विवाह के सीजन में नोटों की माला की मांग में जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है. दूल्हे को नोटों की माला पहनाने की परंपरा के चलते छोटे मूल्यवर्ग के नए नोटों की मांग बढ़ गई है. इस बढ़ती मांग का फायदा उठाते हुए कुछ लोग 10 रुपये के नोट को 16 रुपये में बेच रहे हैं, जिससे कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है.​ नोटों की माला बेचने वाले भोजपुर जिले के एक दुकानदार ने बताया कि 10 के नोट नहीं मिलने से जिनके पास भी माला है, वे इन्हें महंगी कीमतों पर बेच रहे हैं.

    Advertisement

    शादियों में दूल्हे को नोटों की माला पहनाने की परंपरा उत्तर भारत में खासा प्रचलित है. इस परंपरा के तहत 10, 20, 50, 100 और 500 रुपये के नोटों की मालाएं बनाई जाती हैं. इन मालाओं में उपयोग किए गए नोटों की वास्तविक कीमत के अलावा माला बनाने की मजदूरी भी ली जाती है, जिससे इनकी कीमत और बढ़ जाती है.​

    Advertisement

    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत करेंसी नोटों का उपयोग केवल लेन-देन के लिए किया जाना चाहिए. नोटों को स्टेपल करना, माला बनाना या सजावट के लिए उपयोग करना प्रतिबंधित है. हालांकि, इस नियम के उल्लंघन पर कोई दंडात्मक प्रावधान नहीं है, जिससे इस परंपरा पर रोक नहीं लग पाई है.

    यह भी पढ़ें- Sarkari Naukri: बिहार एसएससी फील्ड असिस्टेंट भर्ती के लिए आवेदन शुरू, डायरेक्ट लिंक से करें अप्लाई

    RELATED ARTICLES

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -

    Most Popular

    Recent Comments