Anand Mohan News: बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन गुरुवार की सुबह जेल से रिहा हो गए. गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णया की हत्या के मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली थी. सहरसा जेल प्रशासन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि गुरुवार की सुबह करीब 6 बजे उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. कहा जा रहा है कि आनंद मोहन की रिहाई बुधवार को ही हो जाती, लेकिन प्रक्रिया में देरी की वजह से बुधवार को रिहाई नहीं हो सकी.
आनंद मोहन की रिहाई का एक ओर विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर उनके समर्थकों में खुशी है. इस मौके पर आनंद मोहन की पत्नी व पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि हमने 15 वर्ष मुश्किल से काटे हैं. उनकी रिहाई हमारे और समर्थकों के लिए खुशी की बात है. लवली आनंद ने आगे कहा कि डीएम जी कृष्णया जी की हत्या होने के बाद दो परिवारों ने सबसे अधिक दुख झेला. आनंद मोहन निर्दोष होते हुए भी जेल चले गए. उधर, उमा कृष्णया का सुहाग उजड़ गया. लवली ने कहा कि जी कृष्णया एक ईमानदार ऑफिसर थे. उनकी हत्या का हमें भी बहुत दुख है. यदि यह घटना आनंद मोहन के सामने होती तब वे कभी ऐसा नहीं होने देते. वो अपनी जान पर खेलकर उनकी रक्षा करने की पूरी कोशिश करते. लवली ने कहा कि हमलोग स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं. हमने हमेशा कानून का पालन किया है.
#WATCH हम ईश्वर, बिहार सरकार और अपने समर्थकों का आभार व्यक्त करते हैं। खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकते…जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द है। अगर यह घटना आनंद मोहन के सामने होती तब वे कभी ऐसा नहीं होने देते। हम उनकी रक्षा करने की पूरी कोशिश करते: आनंद मोहन की पत्नी लवली… pic.twitter.com/xMaogV5eAC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2023
नीतीश सरकार ने हाल ही में जेल नियमों में बदलाव करते हुए आनंद मोहन सहित 27 लोगों की रिहाई का आदेश जारी किया था. इसके बाद, हालांकि इसे लेकर राजनीति भी तेज है. इधर, राज्य सरकार की ओर से बिहार जेल नियमावली में किए गए संशोधन को निरस्त करने को लेकर पटना उच्च न्यायालय में एक अर्जी दी गई है. यह अर्जी सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति की ओर से अधिवक्ता अल्का वर्मा ने दायर की है. अर्जी में कहा गया है कि ऐसे संशोधन से व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.
आनंद मोहन के रिहा होने के बाद अब उनके सक्रिय राजनीति में आने की चर्चा है. गौरतलब है कि 1994 में बिहार के गोपालगंज के जि़लाधिकारी की हत्या सड़क पर कर दी गई थी. हत्या के मामले में आनंद मोहन पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगा था. इस मामले में आनंद मोहन को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे ऊपरी अदालत ने उम्र कैद में बदल दिया था.
(इनपुट-आईएएनएस)
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