Bihar Hooch Tragedy: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सारण सहित बिहार के अन्य जिलों में जहरीली शराब त्रासदी में लगातार हो रही मौतों के मद्देनजर मौके पर जांच के लिए अपनी टीम भेजने का निर्णय लिया है. यह टीम घटनास्थल का दौरा कर आयोग को अपनी रिपोर्ट देगी. इससे पहले, आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस भेज घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी.
एनएचआरसी की ओर से जानकारी दी गई कि उन्होंने बिहार में जहरीली शराब त्रासदी में हुई मौतों के बारे में मीडिया में आई खबरों के मद्देनजर, मौके पर जांच के लिए आयोग के एक सदस्य की अध्यक्षता में अपनी जांच टीम को भेजने का फैसला किया है. आयोग यह जानने के लिए चिंतित है कि इन पीड़ितों को कहां और किस प्रकार का चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा रहा है.
आयोग ने कहा कि उनमें से ज्यादातर गरीब परिवारों से हैं और शायद निजी अस्पतालों में महंगा इलाज नहीं करा सकते, इसलिए राज्य सरकार के लिए यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि उन्हें हर संभव सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाए. आयोग राज्य सरकार द्वारा दी गई राहत और पुनर्वास के बारे में और साथ ही, बिहार राज्य में रुक-रुक कर हो रहे इस सामाजिक खतरे को पूरी तरह से खत्म करने की दृष्टि से पूरे राज्य में गुप्त अवैध शराब बनाने वाले हॉट स्पॉट को बंद करने के लिए किए गए या किए जाने वाले उपायों के बारे में जानना चाहता है.
आयोग ने कहा कि अप्रैल, 2016 में बिहार सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन ऐसी घटनाओं से संकेत मिलते हैं कि वह अवैध और नकली शराब की बिक्री को रोकने में सक्षम नहीं है. आयोग के अनुसार, 17 दिसंबर 2022 के मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीवान जिले में 5 व्यक्तियों और बेगूसराय जिले में 1 व्यक्ति की मौत की सूचना मिली थी, जबकि 14 दिसंबर 2022 को हुई जहरीली शराब त्रासदी में अब तक 70 से अधिक लोगों की मौत के साथ सारण जिले में मरने वालों की संख्या बढ़ रही है.
(इनपुट-आईएएनएस)