Chhath Puja 2022: चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की धूम पूरे बिहार में देखने को मिली. सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हो गया. 31 अक्टूबर को छठ पूजा का अंतिम दिन, यानी पारण था. सूर्योदय होने के साथ ही उषाकाल का अर्घ्य दिया गया. उगते हुए सूरज को जल अर्पित करने के बाद व्रतियों ने प्रसाद खाकर पारण किया.
सुबह 5:48 से 6:32 तक बना था सर्वार्थ सिद्धि योग
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को छठ पूजा के उषाकाल का अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद पारण करके व्रत को पूर्ण किया जाता है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का प्रारंभ आज 31 अक्टूबर को सुबह 3:27 बजे हुआ, जो कि देर रात 1:11 बजे तक तक मान्य है. सुबह 5:48 से सुुबह 6:32 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ था. आज का उषाकाल अर्घ्य और पारण सर्वार्थ सिद्धि योग में था. इस समय में किए गए कार्य निश्चित तौर पर सफल होते हैं.
छठी मइया की गीतों से भक्तिमय रहा माहौल
छठ महापर्व पर पूरे बिहार भर में जय हो छठी मइया की गूंज रही. भगवान भास्कर की उपासना के लिए बड़ी संख्या में व्रती और श्रद्धालु घाटों पर पहुंचे. छठी मइया की गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय रहा. दउरा लेकर व्रती और परिजन घाटों पर गीत गाते हुए गए. घाटों पर जाने वाली मुख्य सड़कों के अलावा गलियों में भी साफ-सफाई करके काफी अच्छी सजावट की गई थी. श्रद्धालुओं ने सूर्य मंदिर में जाकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया. पूजा समाप्त होने के बाद, विभिन्न समितियों व छठव्रती सेवक संघ द्वारा प्रसाद, चाय आदि का वितरण भी किया गया. शहरों के मुख्य घाटों पर पुलिस बल की तैनाती भी की गई थी. वहीं, छठ महापर्व को सफल बनाने में छठव्रती सेवक संघ के सदस्यों का भी अहम योगदान रहा. घाटों पर सेवक संघ के सदस्य काफी सक्रिय दिखे.