Bihar Assembly Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियां तेज कर दी हैं. राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर अक्टूबर-नवंबर 2025 में चुनाव होने की संभावना है.
राजनीतिक समीकरण और गठबंधन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने भारतीय स्वराज मोर्चा का विलय कर अपनी स्थिति मजबूत की है. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है, जिससे सामाजिक न्याय के मुद्दे पर जोर दिया जा रहा है.
गठबंधन की मजबूती पर भाजपा का फोकस
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने व्यापक रणनीति तैयार की है, जिसमें गठबंधन की मजबूती, सामाजिक समीकरणों का संतुलन और मतदाताओं तक सीधा संपर्क प्रमुख बिंदु हैं. भाजपा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ मिलकर चुनावी तैयारियों को गति दी है. हाल ही में नई दिल्ली में हुई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 225 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा गया है और सीट बंटवारे पर भी चर्चा हुई है.

नई पार्टियों की एंट्री
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जिसमें कम से कम 40 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा. इसके अलावा, पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने भी नई पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की है.
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस पार्टी बिहार में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश में जुटी है. राहुल गांधी के लगातार दौरों और ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ जैसी पदयात्राओं के माध्यम से पार्टी युवाओं और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता से उठा रही है.

भविष्य की दिशा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जातीय समीकरण, विकास के मुद्दे और नए राजनीतिक चेहरों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. राज्य की जनता के लिए यह चुनाव एक नई दिशा तय कर सकता है.
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