आरा: आए दिनों सदर अस्पताल, आरा (भोजपुर) में मरीजों के उपचार में लापरवाहियां उजागर होते रहती हैं. जिनकी वजह से अस्पताल में हंगामे की भी खबरें सामने आती हैं. एक बार फिर से आरा सदर अस्पताल की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. अस्पताल की करतूत से एक लड़की की जान भी जा सकती थी, जबकि एक अन्य लड़की के स्वास्थ्य पर अब भी खतरा मंडरा रहा है.
बच्ची के पेट में दर्द होने पर अस्पताल में कराया गया अल्ट्रासाउंड
दरअसल, आरा शहर के शीतल टोला निवासी मनोज चौधरी की 16 वर्षीय पुत्री मुस्कान कुमारी को 19 सितंबर 2022 को अचानक पेट में दर्द की शिकायत हुई. इलाज के लिए परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां डॉक्टर ने चेकअप के बाद अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी. अस्पताल के ही अल्ट्रासाउंड डिपार्टमेंट में मुस्कान का अल्ट्रासाउंड कराया गया. जिसके रिपोर्ट में मुस्कान के दाईं किडनी में स्टोन निकल गया. अस्पताल के सर्जन डॉ एमएच अंसारी सहित अन्य डॉक्टर ने भी रिपोर्ट के आधार पर किडनी में पथरी निकलने की पुष्टि की.
किडनी में पथरी निकलने से बच्ची का परिवार था चिंतित
अस्पताल की एक महिला चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर मरीज के उपचार के लिए कुछ मेडिसिन्स लिख दी. इधर, मुस्कान के माता-पिता सहित परिवार के पूरे सदस्य मुस्कान की बीमारी को लेकर चिंतित हो गए. यहां तक कि मुस्कान के स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए परिजनों ने उसका इंस्टीट्यूट जाना भी बंद करवा दिया और उसकी देखभाल के लिए उसे घर पर रहने की ही सलाह दी.
प्राइवेट सेंटर की रिपोर्ट आई नॉर्मल
बता दें कि सदर अस्पताल के द्वारा लिखी गई दवाइयों से मुस्कान का इलाज चल रहा था. हालांकि, मुस्कान के चाचा मनीष चौधरी को अस्पताल के रिपोर्ट पर कुछ शंका थी. अपनी शंका को दूर करने के लिए मनीष चौधरी ने अपने घर के पास में ही मॉडर्न अल्ट्रासाउंड डाइग्नोस्टिक सेंटर में एक बार फिर से अपनी भतीजी का अल्ट्रासाउंड कराया. इस बार का अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बिलकुल नॉर्मल आया. जबकि सदर अस्पताल के रिपोर्ट में मुस्कान के किडनी में स्टोन बताया गया था.
शंका दूर करने के लिए बच्ची के चाचा ने तीसरी बार कराया अल्ट्रासाउंड
मनीष ने पूरी तरह से आश्वस्त होने के लिए 26 सितंबर को तीसरी बार शहर के जाने-माने लक्ष्मी डाइग्नोस्टिक सेंटर में अपनी भतीजी का अल्ट्रासाउंड कराया. इस रिपोर्ट में भी बच्ची के किडनी में स्टोन नहीं निकला, बल्कि यह रिपोर्ट भी एकदम नॉर्मल था. बाहर के रिपोर्ट्स नॉर्मल होने की पुष्टि अस्पताल के डॉक्टर ने भी कर दी. हालांकि, अस्पताल के गलत रिपोर्ट पर उन्होंने चुप्पी साध ली. इन सब प्रक्रिया के बाद मुस्कान के परिवार को थोड़ी राहत मिली. हालांकि, परिवार यह सोच कर भी चिंतित हो गया कि जब बच्ची के किडनी में पथरी था ही नहीं, तो पांच दिनों से जो पथरी की दवाइयां चल रही थीं, उसका कहीं दुष्प्रभाव बच्ची के स्वास्थ्य पर न पड़ न जाए.
अस्पताल के टेक्नीशियन ने कहा- प्रेशर में हो गई गलती
सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड टेक्नीशियन प्रभाकर के पास जब अस्पताल की गलत रिपोर्ट लेकर मुस्कान के चाचा मनीष चौधरी सहित अन्य लोग पहुंचे तो टेक्नीशियन के माथे से पसीना छूटने लग गया. अस्पताल के टेक्नीशियन प्रभाकर ने दबे स्वर में कहा कि मेरे ऊपर बहुत प्रेशर रहता है, अत्यधिक दबाव के कारण एक अन्य लड़की जिसका नाम भी मुस्कान ही है, उसकी रिपोर्ट गलती से दूसरी मुस्कान के परिजन को दे दी गई. यहां स्पष्ट कर दें कि जिस मुस्कान के किडनी में स्टोन था, उसकी रिपोर्ट नॉर्मल बना दी गई. जबकि जिस मुस्कान की रिपोर्ट नॉर्मल थी, उसकी रिपोर्ट में किडनी में स्टोन दिखा दिया गया.
रिपोर्ट की अदला-बदली अस्पताल की बड़ी चूक
इन सब प्रक्रियाओं के बाद लड़की के चाचा मनीष चौधरी ने कहा कि इस तरह की लापरवाही से मेरी बच्ची के स्वास्थ्य को बड़ा नुकसान हो सकता था. वहीं, दूसरी बच्ची (मुस्कान नाम की अन्य बच्ची) पर अब भी खतरा है, जिसके किडनी में वाकई स्टोन है, जबकि उसकी रिपोर्ट नॉर्मल दे दी गई है. अस्पताल के रिपोर्ट की अदला-बदली ने दो बच्चियों के स्वास्थ्य को संकट में डाला. मनीष ने सिविल सर्जन से मांग की है कि इस मामले पर संज्ञान लेते हुए संबंधित कर्मचारी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. मनीष ने कहा कि शंका को दूर करने के लिए मुझे बाहर से अल्ट्रासाउंड कराने में हजारों रुपये खर्च करने पड़े, हालांकि इसका मुझे दुःख नहीं है. दुःख इस बात का है कि अस्पताल से आखिर इतनी बड़ी चूक या लापरवाही कैसे हो सकती है, जिससे मरीजों की जान पर बन आए.
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