पटना: केंद्रीय रसायन व उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने शुक्रवार को कहा कि बिहार ही नहीं, पूरे देश में उर्वरक की कोई किल्लत नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के बिचौलियों से हाथ मिलाने के कारण राज्य में उर्वरकों की कृत्रिम कमी पैदा की गई. आंकड़ों के जरिए उन्होंने बताया कि राज्य में जितनी उर्वरक की जरूरत है, उससे ज्यादा केंद्र सरकार द्वारा आपूर्ति की गई है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद डॉ संजय जायसवाल ने बिहार में पैदा की जा रही उर्वरकों की कमी और कालाबाजारी के बारे में जानकारी दी थी.
मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार कालाबाजारियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह असफल साबित हुई है. राज्य सरकार के कमजोर नेतृत्व के कारण किसानों के साथ निरंतर खेल हो रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा प्रत्येक मंगलवार को राज्यों के साथ बैठक कर उर्वरकों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली जाती है. बिहार में जमाखोरी कर यूरिया के प्रत्येक बोरी पर 600 से 700 रुपये वसूल किए गए, जबकि केंद्र सरकार राज्यों को 262 रुपये बोरी यूरिया उपलब्ध कराती है.
भगवंत खुबा ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले वर्ष उर्वरक में 1.29 लाख करोड़ की सब्सिडी दी गई, जबकि इस साल कीमतें बढ़ने के बावजूद उर्वरकों के दाम नहीं बढ़ाए गये. इस साल सरकार 2.50 लाख करोड़ रुपये उर्वरक पर खर्च कर रही है. उन्होंने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से बिहार के दौरे पर हैं. इस क्रम में उन्होंने बरौनी खाद कारखाने में हो रहे कार्यो का निरिक्षण भी किया है. उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि अक्टूबर में यहां से उत्पादन प्रारंभ होने की उम्मीद है. इसके लिए हमारी कोशिश है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शुभारंभ करें.
मंत्री ने आगे कहा कि बरौनी कारखाना प्रारंभ होने से उर्वरकों की उपलब्धता और बढ़ेगी व किसानों को अत्यधिक फायदा होगा. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वे किसानों को उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराए. उन्होंने किसानों से भी अपील की कि किसी भी परिस्थिति में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य से एक रुपया भी अधिक देकर उर्वरक नहीं खरीदें.
(इनपुट-आईएएनएस)