Virtual School in Delhi: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने बुधवार को दिल्ली में शारीरिक कक्षाओं में भाग लेने में असमर्थ छात्रों के लिए देश का पहला वर्चुअल स्कूल लॉन्च किया. केजरीवाल ने लॉन्च करते हुए कहा, “हमने हैप्पीनेस क्लासेस, देशभक्ति पाठ्यक्रम और कई विशेष स्कूल शुरू किए, साथ ही हम ट्रैफिक लाइट पर भीख मांगने वाले बच्चों के लिए आवासीय स्कूल बना रहे हैं. स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है, आर्मी प्रिपरेटरी स्कूल शुरू किया गया है. आज हम देश का पहला वर्चुअल स्कूल (Country’s First Virtual School) शुरू करने जा रहे हैं.”
केजरीवाल ने कहा कि कई माता-पिता लड़कियों को बाहर नहीं भेजना चाहते हैं, कई बच्चे जल्दी काम करना शुरू कर देते हैं, ऐसे बच्चे इस वर्चुअल स्कूल (Virtual School) में पढ़ सकते हैं. उन्होंने एक डिजिटल प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “बच्चों को शारीरिक रूप से स्कूल आना चाहिए, लेकिन जो इसमें असमर्थ हैं, उन्हें यह स्कूल शिक्षा प्रदान करेगा.” उन्होंने आगे कहा, “स्कूली शिक्षा मंच में प्रवेश पूरे भारत के छात्रों के लिए खुला होगा और उन्हें कौशल आधारित प्रशिक्षण के साथ नीट, सीयूईटी और जेईई जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए विशेषज्ञों द्वारा भी तैयार किया जाएगा.”
फिलहाल यह स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए शुरू किया गया है. कक्षा 9 से कक्षा 12 के बीच दाखिले के लिए छात्रों की आयु सीमा 13 से 18 वर्ष के बीच रखी गई है. छात्र वेबसाइट पर आवेदन करके प्रवेश ले सकते हैं. आवेदन की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो चुकी है. प्रत्येक बच्चे को एक आईडी-पासवर्ड दिया जाएगा, जिसके माध्यम से वह कक्षाओं में भाग ले सकेगा, डिजिटल लाइब्रेरी की सामग्री तक पहुंच सकेगा. इस वर्चुअल प्लेटफॉर्म को गूगल (Google) और स्कूल नेट इंडिया (Schoolnet India) ने बनाया है. दिल्ली सरकार (Delhi Government) का कहना है कि यह देशभर में अपनी तरह का पहला डिजिटल वर्चुअल स्कूल (Digital Virtual School) है. यह एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा.
(इनपुट-आईएएनएस)