Kejriwal-Sarma Twitter Attack: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बीच ट्विटर पर शुरू हुआ जंग शनिवार को भी जारी रहा. केजरीवाल ने सरमा से पूछा कि बताइये असम के स्कूलों को देखने कब आना है. डिजिटल मंच पर दोनों नेताओं के बीच बहस बुधवार को तब शुरू हुई थी जब केजरीवाल ने ट्वीट किया कि स्कूल बंद करना कोई समाधान नहीं है और देश में और स्कूल खोलने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने असम में कुछ स्कूलों को ‘‘बंद किये जाने’’ का दावा करने वाली एक खबर साझा की.
पिछले तीन दिनों से केजरीवाल और सरमा के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग जारी है. आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘हमारे यहां कहावत है. कोई पूछे “मैं कब आऊं” और आप कहें “कभी भी आ जाओ” इसका मतलब होता है “कभी मत आओ”. मैंने आपसे पूछा “आपके सरकारी स्कूल देखने कब आऊं” आपने बताया ही नहीं. बताइए कब आऊं, तभी आ जाऊंगा.” दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह ट्वीट सरमा द्वारा शुक्रवार को दिए गए बयान के बाद किया. सरमा ने सिलसिलेवार ट्वीट करके दिल्ली और असम के बीच अंतर बताया था और केजरीवाल का मजाक उड़ाया था.
हमारे यहाँ कहावत है। कोई पूछे “मैं कब आऊँ” और आप कहें “कभी भी आ जाओ” इसका मतलब होता है “कभी मत आओ”।
मैंने आपसे पूछा “आपके सरकारी स्कूल देखने कब आऊँ” आपने बताया ही नहीं। बताइए कब आऊँ, तभी आ जाऊँगा। https://t.co/A7lbp1KVI6
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 27, 2022
सरमा का ट्वीट था, ‘‘प्रिय केजरीवाल जी, आपकी अज्ञानता दुखी करने वाली है. मैं आपकी मदद करता हूं. असम दिल्ली से 50 गुना बड़ा है. हमारे 44,521 स्कूलों में 65 लाख छात्र पढ़ते हैं और आपके यहां एक हजार से कुछ ही ज्यादा स्कूल हैं. हमारे यहां दो लाख से अधिक समर्पित शिक्षकों की फौज है और 1.18 लाख मध्याह्न भोजन के कर्मचारी हैं.’’ एक अन्य ट्वीट में सरमा ने कहा था, ‘‘और सुनिए जब आप असम में होंगे तो मैं आपको हमारे मेडिकल कॉलेजों में ले जाऊंगा जो आपके मोहल्ला क्लीनिक से एक हजार गुना बेहतर हैं. आप हमारे प्रतिभाशाली सरकारी स्कूल के शिक्षकों और छात्रों से भी मुलाकात कीजिएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘और हां, आप देश को नंबर एक बनाने की चिंता छोड़ दें, वह मोदी जी कर रहे हैं.’’
Dear @ArvindKejriwal Ji, Your ignorance is painful. Let me help you. Assam is 50 times bigger than Delhi! Our 44521 govt schools teach 65 lakh students- against your 1000+ odd schools. Our army of dedicated teachers number 2+ lakh; Midday meal workers 1.18 lakh. Fathom it?
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 26, 2022
(इनपुट-भाषा)
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