बेंगलुरू: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को ऐलान किया है कि देश के सीमावर्ती इलाकों में तैनात जवानों को साल में 100 दिन परिवार के साथ अपने मुख्यालय में रहने का मौका मिलेगा. बेंगलुरू के देवनहल्ली में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमति शाह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को अपने परिवार के साथ अपने मुख्यालय में 100 दिनों तक रहने का अवसर मिलेगा, हम इस उद्देश्य के लिए रोस्टर तैयार कर रहे हैं.
अमित शाह ने कहा कि परिवार के साथ मुख्यालय में रहने से सैनिकों का तनाव कम होगा. यह एक कठिन कार्य है, मैं समझता हूं. लेकिन, मेरा मानना है कि मानवीय दृष्टिकोण से इसे किया जाना चाहिए. शाह ने आईटीपीबी के जवानों को आश्वासन दिया कि चुनाव से पहले सरकार इस संबंध में योजना बनाएगी. केंद्र की मोदी सरकार सैनिकों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कल्याण के लिए समर्पित है. शाह ने आईटीपीबी और सीएपीएफ की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि वे देश के सबसे कठिन इलाकों में सेवा प्रदान करते हैं. हम परिस्थितियों की कल्पना भी नहीं कर सकते. वे माइनस 42 डिग्री सेल्सियस में काम करते हैं.
गृहमंत्री ने कहा कि जब हमारे आईटीबीपी के जवान पेट्रोलिंग कर रहे हों तो कोई भी मेरे देश की एक इंच जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत नहीं करेगा. आईटीबीपी के जवानों को लोगों ने ‘हिमवीर’ की उपाधि दी है, जो सरकार द्वारा दिए जाने वाले पद्म श्री और पद्म विभूषण पुरस्कारों से कहीं अधिक है. गृहमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार पूरी चेन को पूरा करने की प्रक्रिया में है, जहां समस्या की पहचान की जाती है, समाधान के लिए रिसर्च किया जाता है, सिफारिशें दी जाती हैं, नीतिगत बदलाव किए जाते हैं और देश में कानून व्यवस्था की स्थिति के संदर्भ में निष्पादन की भी समीक्षा की जाती है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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