नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मादक पदार्थों के कारोबार को ‘सीमारहित अपराध’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार की नशीली दवाओं के कारोबार और इससे होने वाली कमाई के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति है व इस लड़ाई को केंद्र और राज्य सभी को मिलकर लड़ना होगा. शाह ने कहा, ‘‘नशा मुक्त भारत के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. यह लड़ाई केंद्र या राज्य की नहीं, बल्कि हम सभी की है और इसके वांछित परिणाम के लिए बहु-आयामी प्रयास आवश्यक हैं.’’
लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘देश में मादक पदार्थ दुरुपयोग की समस्या और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदम’ विषय पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए शाह ने कहा, ‘‘यह सीमारहित अपराध है. इस अपराध की कोई सीमा नहीं है. कोई भी कहीं से बैठकर मादक पदार्थ भेज देता है और इसमें हमारे बच्चे फंसते हैं व नस्लें बर्बाद होती हैं.’’ उन्होंने कहा कि सरकार की ड्रग्स के कारोबार और इससे होने वाली कमाई के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति है और इसे तीन हिस्सों में बांट कर लड़ा जा रहा है.
गृहमंत्री ने कहा कि इसमें पहला संस्थागत मजबूती और सतत निगरानी, दूसरा एजेंसियों का सशक्तीकरण व समन्वय और तीसरा विस्तृत जागरूकता व पुनर्वास अभियान शामिल है. शाह ने कहा, ‘‘हम सहयोग, समन्वय और गठजोड़ के त्रिसूत्री सिद्धांत के आधार पर काम कर रहे हैं और जब तक ऐसा नहीं होगा हम लड़ाई नहीं जीत पाएंगे.’’ उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘नशामुक्त भारत’ का लक्ष्य रखा है और इसे हासिल करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी. केंद्र और राज्यों को यह लड़ाई मिलकर लड़नी है.
पाकिस्तान से मादक पदार्थ भेजे जाने के कुछ सदस्यों के उल्लेख पर शाह ने कहा कि पाकिस्तान से अभी कोई कारोबार नहीं हो रहा है, ऐसे में सरहद से होकर नशीले पदार्थ नहीं आते हैं, लेकिन वहां से ड्रोन से आते हैं, सुरंग बनाकर भेजा जाता है और बदंरगाहों के रास्ते आता है. उन्होंने कहा कि व्यापार बंद करने का विषय नहीं है, बल्कि जो नए-नए तरीके खोजे जाते हैं उनसे निपटना होगा. गृहमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की नीति को स्पष्ट करना चाहता हूं कि जो नशे का सेवन करते हैं, वे इसके पीड़ित हैं और उनके प्रति सहनानुभूति होनी चाहिए और उनकी नशामुक्ति के लिए प्रयास होना चाहिए.
अमित शाह ने कहा कि जो नशे का व्यापार करते हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, उन्हें छोड़ा नहीं जाना चाहिए और कानून के शिकंजे में लाना चाहिए. यदि ऐसा नहीं किया जाता तो यह पीड़ित के खिलाफ होगा. शाह ने कहा कि सामाजिक वातावरण तैयार करना होगा, ताकि जो बच्चा इसमें फंस गया है, वह वापस आ सके और समाज उसे स्वीकार कर ले. उन्होंने कहा कि सभी सांसदों को मिलकर इस बारे में प्रयास करने की जरूरत है. शाह ने ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में सभी राज्यों के सहयोग के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि इस लड़ाई में सभी राज्य कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं .
(इनपुट:पीटीआई-भाषा)