Bihar News: यदि आप कोई निर्माण का कार्य करा रहे हैं, या कराने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है. आपको निर्माण कार्य के लिए अपनी जरूरत के अनुसार बालू का इंतजाम कर लेना चाहिए. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) के प्रावधान के तहत आगामी 1 जुलाई से बिहार में नदियों से बालू के खनन पर रोक लग जाएगी. यह रोक 30 सितंबर तक जारी रहेगी.
स्टॉक कम होने पर बढ़ सकती है कीमत
बता दें कि बालू खनन पर रोक लग जाने के बाद वही बालू बाजार में आएगा, जिसका भंडारण 1 जुलाई से पहले किया गया है. इस स्थिति में स्टॉक कम होने पर बाजार में बालू की कीमतें बढ़ भी सकती हैं. एनजीटी के प्रावधानों के तहत राज्य में 1 जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से बालू का खनन पूरी तरह से बंद रहेगा.
रोक लगाए जाने के पीछे ये है कारण
1 जुलाई से बालू खनन पर रोक लगाए जाने के पीछे दो बड़े कारण बताए जा रहे हैं. पहला कारण ये है कि यह अवधि बिहार में मानसून की रहती है. इस दौरान नदियों में अधिक मात्रा में पानी रहने के कारण खनन कार्य बंद कर दिया जाता है. दूसरा बड़ा कारण यह है कि इस अवधि में नदियों में बालू का पुनर्भरण होता है, यानी कि नदी से जितनी मात्रा में बालू का खनन किया जाता है, मानसून की अवधि में भर जाता है. इस अवधि में कम हुए बालू की भरपाई हो जाती है. इसके अलावा, यह पर्यावरण और जलीय जीवों के संरक्षण के लिए भी आवश्यक है.
1 जुलाई से पहले के स्टॉक से ही होगी आपूर्ति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के 16 जिलों में फिलहाल बालू का खनन हो रहा है. प्रतिबंध की अवधि में नदी से बालू खनन पर पूरी तरह से रोक रहेगी. जरूरतमंदों को पहले के स्टॉक से ही बालू की आपूर्ति की जाएगी.
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