Heatstroke in Animals: गर्मी का मौसम केवल इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पशुओं के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता है. जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तो पशुओं को लू लगने का खतरा बढ़ जाता है. पशुपालकों के लिए यह बेहद जरूरी हो जाता है कि वे अपने मवेशियों की गर्मी से सुरक्षा करें, ताकि उनकी सेहत और दूध उत्पादन पर कोई बुरा असर न पड़े.
यहां जानें लू से बचाव के उपाय
छायादार स्थान में रखें
पशुओं को खुले धूप में न बांधें. उन्हें पेड़, टीन शेड या टाट से बने छायादार स्थान पर रखें. यह उन्हें धूप से बचाता है और शरीर का तापमान संतुलित रखता है. पशुगृह में संभव हो तो कूलर या पंखे का उपयोग करें.
स्वच्छ और ठंडा पानी उपलब्ध कराएं
गर्मियों में पशुओं को दिनभर कई बार ठंडा और साफ पानी पिलाना चाहिए. इससे डिहाइड्रेशन नहीं होता और शरीर में ठंडक बनी रहती है. दिन में कम से कम चार बार स्वच्छ जल पिलाना चाहिए.
खुराक में बदलाव करें
गर्मी के मौसम में भारी, गरिष्ठ चारा देने से बचें. हरा चारा, चोकर, भूसा और खल की मात्रा संतुलित रखें. इलेक्ट्रोलाइट मिलाकर देना फायदेमंद होता है.

सावधानी से नहलाएं
दिन में एक बार ठंडे पानी से नहलाना अच्छा होता है, लेकिन यह सुबह या शाम को करें. दोपहर की तेज धूप में नहलाना नुकसानदेह हो सकता है.
लू के लक्षणों पर नजर रखें
अत्यधिक पसीना, थकावट, सुस्ती, कम खाना या कम दूध देना, ये लू लगने के संकेत हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में तुरंत पशु चिकित्सक की सलाह लें.
गर्मी में थोड़ी सी सावधानी न केवल पशुओं की जान बचा सकती है, बल्कि आपके पशुपालन व्यवसाय को भी सुरक्षित रख सकती है.

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