Land for Jobs Scam: पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले के सिलसिले में लालू यादव को पूछताछ के लिए तलब किया है. उन्हें 19 मार्च 2025 को पटना स्थित ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है. इसके अलावा, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को भी 18 मार्च 2025 को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे. आरोप है कि इस दौरान रेलवे में ग्रुप-डी पदों पर नियुक्तियों के बदले लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने उम्मीदवारों से उनकी जमीनें अपने नाम पर हस्तांतरित करवाईं. जांच में पाया गया है कि इस प्रक्रिया में लालू यादव के परिवार को सात प्लॉट मिले, जिनमें से तीन राबड़ी देवी, एक उनकी बेटी मीसा भारती, दो दूसरी बेटी हेमा यादव और एक राबड़ी देवी की कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हैं.
इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी जांच की है और लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को जमानत दी थी. अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच के तहत लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों को पूछताछ के लिए बुलाया है.

ईडी के समन के बाद, राबड़ी देवी अपनी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के साथ पटना स्थित ईडी कार्यालय पहुंचीं. इस दौरान राजद के कई नेता और विधायक भी ईडी कार्यालय के बाहर मौजूद थे. राजद के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए केंद्र और राज्य की सत्तारूढ़ एनडीए सरकार लालू यादव के परिवार को परेशान करने और उनकी छवि धूमिल करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. अब देखना होगा कि ईडी की इस कार्रवाई का बिहार की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है और यह मामला आगे किस दिशा में बढ़ता है.

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