Rajiv Gandhi Assassination Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश जारी किया है. इससे पहले 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया था.
30 साल जेल में बिता चुका है पेरारिवलन
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को पेरारिवलन की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पेरारिवलन करीब 30 साल जेल में बिता चुका है. तमिलनाडु सरकार ने सितंबर 2018 में पेरारिवलन की रिहाई की सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल ने दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेज दी. वहीं, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राज्यपाल के पास संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दया याचिका पर फैसला करने का अधिकार है, लेकिन इसे लटकाया नहीं जा सकता. पीठ ने यह भी कहा कि पेरारिवलन ने 30 साल जेल (Jail) में बिताए हैं और अदालत ने पहले भी 20 साल से अधिक की सजा काट चुके उम्रकैदियों (Life Prisoners) के पक्ष में फैसला सुनाए हैं. इस मामले में भी कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.
21 मई 1991 को हुई थी राजीव गांधी की हत्या
बता दें कि केंद्र सरकार (Central Government) के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया था कि राष्ट्रपति (President) तय करेंगे कि राज्यपाल (Governor) उन्हें दया याचिका भेज सकते हैं या नहीं. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि वह इस मामले की सुनवाई करेगा और राष्ट्रपति के फैसले का उसकी सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा. गौरतलब है कि राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी.
अन्य 6 दोषियों की रिहाई के लिए कदम उठाएगी तमिलनाडु सरकार
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को कहा कि राजीव गांधी हत्याकांड के बाकी छह दोषियों की रिहाई पर सरकार फैसला करेगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले के सात दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन की रिहाई के आदेश के बाद, स्टालिन ने कहा कि सरकार फैसले का अध्ययन करेगी, कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेगी और फिर अन्य को रिहा करने के लिए कदम उठाएगी. छह दोषियों में नलिनी, वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन, संथन, जयकुमार, रॉबर्ट पायस और पी. रविचंद्रन हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)