Sunday, November 24, 2024
spot_img
More
    Homeनेशनलजानिए किस आधार पर दिया जाता है विशेष राज्य का दर्जा, इसमें...

    जानिए किस आधार पर दिया जाता है विशेष राज्य का दर्जा, इसमें मिलने वाली क्या हैं सुविधाएं

    Special Category Status to States: भारत देश ‘राज्यों का संघ’ है. वर्तमान में भारत में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं. इन सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भारत के राष्ट्रपति द्वारा स्थापित वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर 5 वर्ष के अंतराल पर केंद्र सरकार के करों में हिस्सा मिलता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत वित्त आयोग की सिफारिशों के अलावा, केंद्र सरकार किसी भी राज्य को अधिक वित्तीय सहायता देने की हकदार है. देश में 10 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश को पहले से ही विशेष श्रेणी का दर्जा प्राप्त है और कुछ अन्य राज्य इसकी मांग कर रहे हैं.

    वर्ष 1969 में पांचवें वित्त आयोग (अध्यक्ष महावीर त्यागी) ने गाडगिल फॉर्मूला के आधार पर तीन राज्यों (जम्मू और कश्मीर, असम व नागालैंड) को विशेष श्रेणी के राज्यों का दर्जा दिया था. बता दें कि विशेष राज्य का दर्जा कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है. किसी राज्य के सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक पिछड़ापन व उस राज्य में संसाधन की स्थिति को देखते हुए केंद्र द्वारा विशेष श्रेणी का दर्जा दिया जाता है. इस आर्टिकल में हम आपको जानकारी दे रहे हैं कि केंद्र द्वारा किसी राज्य को किस आधार पर विशेष श्रेणी का दर्जा दिया जाता है और इसके क्राइटेरिया क्या हैं.

    विशेष श्रेणी के राज्यों का दर्जा देने के लिए ये हैं मानदंड

    1. राज्य जो संसाधनों की कमी की समस्या से जूझ रहा है

    2. प्रति व्यक्ति आय कम हो

    3. राज्य के वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति

    4. आर्थिक और ढ़ांचागत पिछड़ापन

    5. बड़ी जनजातीय आबादी की उपस्थिति

    6. पहाड़ी और कठिन भूभाग

    7. अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के साथ सामरिक स्थिति

    8. कम जनसंख्या घनत्व

    Advertisement

    विशेष श्रेणी के राज्यों को मिलने वाले लाभ

    1. विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को निवेश आकर्षित करने के लिए उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, कॉर्पोरेट कर, आयकर और अन्य करों से छूट दी गई है.

    2. केंद्र प्रायोजित सभी योजनाओं और बाहरी सहायता पर राज्य व्यय का 90% (अनुदान के रूप में दिया गया) केंद्र वहन करता है, जबकि शेष 10% ब्याज की शून्य प्रतिशत दर पर राज्य को ऋण के रूप में दिया जाता है. केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को अनुदान के रूप में दी जाने वाली राशि, केंद्र सरकार को वापस करने की आवश्यकता नहीं होती है.

    3. केंद्रीय बजट के नियोजित व्यय की 30% बड़ी राशि ‘विशेष श्रेणी’ राज्यों को जाती है.

    4. विशेष श्रेणी के राज्य ऋण अदला-बदली और ऋण राहत योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.

    5. विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को केंद्रीय निधि प्राप्त करने में प्रधानता दी जाती है जो राज्यों में विकास परियोजनाओं को आकर्षित करती है.

    6. विशेष श्रेणी के राज्यों के पास यह सुविधा है कि यदि उनके पास एक वित्तीय वर्ष में अव्ययित धन है तो यह लैप्स नहीं होता है और अगले वित्तीय वर्ष के लिए आगे लाया जाता है.

    इन 11 राज्यों को प्राप्त है विशेष श्रेणी का दर्जा

    1. मणिपुर

    2. मेघालय

    3. मिजोरम

    4. अरुणाचल प्रदेश

    5. त्रिपुरा

    6. सिक्किम

    7. उत्तराखंड

    8. हिमाचल प्रदेश

    9. असम

    10. जम्मू और कश्मीर

    11. नागालैंड

    यह भी पढ़ें- हेल्थ ड्रिंक्स के नाम पर बेचे जा रहे उत्पादों को लेकर सरकार सख्त, एडवाइजरी जारी

    RELATED ARTICLES

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    - Advertisment -

    Most Popular

    Recent Comments