Vat Savitri Vrat 2024: पटना: वट सावित्री का व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है. वट सावित्री व्रत रखने का खास महत्व है. 6 मई (गुरुवार) को महिलाओं ने व्रत रखा और वटवृक्ष की पूजा की. पटना, आरा, बक्सर सहित पूरे बिहार भर में विभिन्न मंदिरों में व अन्य स्थानों पर भोर से ही एकत्र होकर सुहागिनों ने अखंड सौभाग्य के लिए बरगद के वृक्ष की पूजा की. वट सावित्री व्रत का पर्व मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है. इस वर्ष अमावस्या तिथि 05 मई 2024 को शाम 07 बजकर 54 मिनट पर शुरू हुई, जिसका समापन 06 मई 2024 को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा.
बरगद के वृक्ष के नीचे एकत्र होकर महिलाओं ने सामूहिक रूप से कथा का पाठ किया और कच्चा सूत लेकर वृक्ष की परिक्रमा की. वट सावित्री व्रत रखने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और पति की लंबी आयु का वरदान मिलता है. ऐसी मान्यता है कि वट सावित्री व्रत कथा के श्रवण मात्र से ही महिलाओं के पति पर आने वाली बलाएं टल जाती हैं.
शास्त्रों में पीपल के पेड़ की तरह ही बरगद के पेड़ का भी खास महत्व बताया गया है. पुराणों में माना गया है कि वटवृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास होता है. इस वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह वृक्ष लंबे समय तक बना रहता है, इसलिए इसे अक्षयवट भी कहा जाता है.
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