Agriculture News: आरा: भोजपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों में पराली जलाने वाले दोषी किसानों पर जिला कृषि कार्यालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. 30 अप्रैल को 12 किसानों को दोषी मानते हुए उनका डीबीटी निबंधन रद्द कर दिया गया है. वहीं दो लोगों को नामजद किया गया है. जिसमें उदवंतनगर प्रखंड के कसाप गांव में दोषी किसान अखिलेश कुमार सिंह और श्रीराम प्रवेश सिंह का डीबीटी निबंधन रद्द कर दिया गया. वहीं पीरो प्रखंड के अगिआंव बाजार गांव में 2 किसान, अमरुहां में 6 किसान और एयार गांव में 2 किसान जांच के दौरान दोषी पाए गए हैं. इसके अलावे जांच में दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कृषि विभाग बड़ी कार्रवाई करने जा रही है. दोषियों को विभाग से मिलने वाली सरकारी अनुदान से भी वंचित किया जाने लगा है.
कृषि विभाग की इस कार्रवाई में 28 अप्रैल को 24 किसान और 29 अप्रैल को 2 किसानों समेत अबतक कुल 38 किसानों को जांच में दोषी पाया गया है. जिला कृषि पदाधिकारी शत्रुघ्न साहू ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में कृषि सलाहकार, कृषि समन्वयक और प्रखंड कृषि पदाधिकारी को सख्त निर्देश दिया गया है. वे पराली जलाने वाले दोषियों को चिह्नित कर जिला मुख्यालय को तत्काल सूचित करें. सरकार द्वारा लगातार प्रचार-प्रसार के माध्यम से देहाती क्षेत्रों में जागरुकता की जाती है. लेकिन कुछ किसान खेतों में फसल अवशेष जलाकर मिट्टी, वायु प्रदूषण कर मानव पर पर बुरा असर डालने से बाज नहीं आ रहे हैं.
पराली जलाने के रोकथाम के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है. पराली नहीं जलाने के लिए सरकार के द्वारा कृषि यांत्रिकरण योजना में भी फसल अवशेष के प्रबंधन हेतु स्पेशल यंत्र भी अनुदान पर दिया जाता है. जिससे किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकें. सरकार के प्रसार-प्रचार के बाद भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे. बाध्य होकर विभाग द्वारा किसानों को मिलने वाले लाभ से वंचित किया जा रहा है. इसके लिए वे स्वयं जिम्मेवार हैं.
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