Bihar News: बिहार के भागलपुर जिला के महिला थाना के पुलिसकर्मी एक अनोखी शादी के गवाह बने, जब एक दारोगा संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की तस्वीर को साक्षी मानकर अपनी प्रेमिका से परिणय सूत्र में बंधे. यह मामला ऐसा है, जहां प्रेमिका के प्यार को मंजिल तक पहुंचाने की जिद के समाने एक दारोगा को झुकना पड़ा और अंततः युवक दारोगा को अपनी प्रेमिका के साथ शादी के लिए राजी होना पड़ा. दरअसल, एकचारी थाना क्षेत्र के टपुआ दियारा गांव के रहने वाले मनोज कुमार उर्फ गौरव का उसी गांव की रहने वाली वंदना के साथ पिछले छह वर्षों से प्रेम संबंध चल रहा था. इसी बीच, गौरव अवर निरीक्षक की परीक्षा पास कर दारोगा बन गया. दारोगा बनते ही गौरव ने अपनी प्रेमिका को भूला दिया.
दारोगा बनने के बाद गौरव के लिए इधर-उधर से रिश्ते भी आने लगे. इधर, वंदना अपने प्यार को किसी हाल में भूलना नहीं चाहती थी. वंदना ने अपने प्यार को किसी भी हाल में अपना बनाने की जिद ठान ली. इसके लिए उसने थाना में आवेदन दिया और पुलिस अधीक्षक के पास भी पहुंच गई. वंदना ने महिला थाना में एक आवेदन देकर गौरव पर यौन शौषण का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई. इसके बाद गौरव के परिजनों ने इसके लिए एक सप्ताह की मोहलत मांगी. गौरव के बड़े भाई भरत ने बताया कि अखबार और समाचार पत्रों से उन्हें गौरव और वंदना के रिश्ते की जानकारी मिली है. इसके बाद वे लोग तुरंत शादी के लिए तैयार हो गए.
गौरव के परिजनों ने मंगलवार को थाना पहुंच कर लड़की वालों के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा, जिसे उनलोगों ने स्वीकार कर लिया. महिला थाना प्रभारी गुंजन पासवान ने दोनों को थाना परिसर से शादी के बंधन में बंधने के बाद विधिवत विदा कर दिया. इस शादी में वर और वधू ने भीमराव अंबेडकर की तस्वीर के सामने एक दूसरे के साथ जीने मरने का संकल्प लिया और सिंदूरदान की रस्म निभाई गई. वंदना के भाई वकील कुमार ने बताया कि वे लोग इस शादी को लेकर बहुत खुश हैं. गुंजन पासवान ने बताया कि मामले को लेकर महिला थाना में आवेदन दिया गया था, लेकिन लड़का पक्ष के लोगों ने एक सप्ताह का समय मांगा था. इसके बाद मंगलवार को दोनों पक्षों की बात हुई और फिर दोनों परिणय सूत्र में बंध गए.
(इनपुट-आईएएनएस)
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