Anand Mohan Release Controversy: पटना: आनंद मोहन की रिहाई पर राजनीति चरम पर है. बिहार के मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने भाजपा नेताओं पर अपनी सुविधा के अनुसार इस मुद्दे पर अपना रुख बदलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आनंद मोहन की रिहाई की वकालत करते हुए कहा था कि यदि पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को रिहा किया जा सकता है, तो आनंद मोहन को रिहा करने में क्या समस्या है.
चौधरी ने कहा- राज्य सरकार के पास छूट की शक्ति है. वह पूर्व में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर छूट देती रही है. अन्य राज्यों में लोक सेवक की हत्या के दोषी अभियुक्त के लिए जेल मैनुअल में कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए, बिहार सरकार ने इसे हटा दिया है.
जदयू नेता ने कहा- सुशील मोदी ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए बयान दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि यदि राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा किया जा सकता है, तो आनंद मोहन को क्यों नहीं. जब राज्य सरकार ने आनंद मोहन को रिहा किया तो उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का फैसला सही नहीं है और यह दलित विरोधी फैसला है. इस घटना ने असल में बीजेपी के दोहरे चरित्र को दिखाया है.
मंत्री ने आगे कहा- आनंद मोहन के स्थान पर यदि कोई और कैदी जेल से रिहा होता, तो उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगती. आनंद मोहन बड़े नेता हैं, उनकी पत्नी सांसद थीं, उनका बेटा विधायक है. इसलिए, बीजेपी इस मुद्दे पर हो-हल्ला कर रही है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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