Punjab News: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पटियाला जेल से शनिवार को रिहाई हो गई है. जेल से बाहर निकलने के बाद, सिद्धू ने कहा कि पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश रची जा रही है. अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पंजाब को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. अभी लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है. सिद्धू ने अपने पुराने अंदाज में कहा कि सत्य को दबाने का प्रयास सफल नहीं हो सकता. आज लोकतंत्र बेड़ियों में है. बता दें कि वर्ष 1988 के रोड रेज के मामले में 59 वर्षीय सिद्धू जेल की सजा काट रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 19 मई 2022 को एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.
अच्छे आचरण वाला कैदी छूट पाने का हकदार
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने पटियाला के एक कोर्ट में आत्मसर्मण कर दिया था, जिसके बाद उन्हें पिछले वर्ष 20 मई को जेल भेज दिया गया. सिद्धू के अधिवक्ता एचपीएस वर्मा ने कहा था कि पंजाब जेल नियमावली के मुताबिक, अच्छे चालचलन वाला दोषी छूट पाने का हकदार है. उन्होंने बताया था कि बहुत अधिक संभावना है कि सिद्धू को शनिवार को पटियाला जेल से रिहा कर दिया जाएगा.
ये था पूरा मामला
27 दिसंबर 1988 की शाम को सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट के बाजार में पहुंचे थे. सिद्धू उस समय क्रिकेटर थे और उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर को शुरू हुए सिर्फ एक वर्ष ही हुए थे. उसी बाजार में कार पार्किंग को लेकर उनका 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से विवाद हो गया था. इसके बाद मामला हाथापाई तक पहुंच गया. सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मार कर गिरा दिया. उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. खबरें आईं थीं कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई थी. इसके बाद, सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर के खिलाफ कोतवाली थाने में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया गया था.
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