Idol Theft in Bihar: पटना: बिहार में मूर्ति चोरी के मामलों में वृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय गिरोहों की कथित संलिप्तता ने पुलिस को परेशान कर रखा है. बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि पिछले चार महीनों में मंदिरों और अन्य स्थानों से 20 से अधिक कीमती मूर्तियां चोरी हो गई हैं. अधिकारी ने कहा, “ऐसा संदेह है कि चोरी की गई अधिकांश मूर्तियां बिहार और अन्य उत्तरी राज्यों में सक्रिय अंतर्राष्ट्रीय गिरोहों के सदस्यों की मिलीभगत से पड़ोसी देशों में पहुंची होंगी.”
हाल ही में, दतियाना में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के मूर्तिकला शेड से भगवान विष्णु की 1,200 साल पुरानी मूर्ति चोरी हो गई थी. प्राचीन मूर्ति की चोरी 25-26 दिसंबर, 2022 के बीच रात को हुई थी. अधिकारी ने कहा, ‘‘इसी तरह, पिछले साल 28 दिसंबर को सीतामढ़ी जिले के एक मंदिर से भगवान विष्णु की 300 साल पुरानी मूर्ति चोरी हो गई थी. पिछले साल सितंबर में सारण जिले के एक मंदिर से ‘अष्टधातु’ से बनी दस कीमती मूर्तियां भी चोरी हो गईं.’’ अधिकारी ने कहा कि पूर्णिया और गया जिलों से भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई हैं.
बिहार पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, 2022 (20 दिसंबर तक) में राज्य के विभिन्न मंदिरों और स्थानों से कुल 48 कीमती मूर्तियों की चोरी हुई, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 44 था. आंकड़े के अनुसार, सुरक्षाकर्मी 2021 में चोरी की 22 मूर्तियों को बरामद कर सके, वहीं राज्य पुलिस 2022 में केवल 7 मूर्तियां बरामद कर सकी. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) अन्य जिलों या राज्यों में अपने समकक्षों के साथ समन्वय में अंतर-जिला, अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय गिरोहों से जुड़े मूर्ति चोरी के मामलों की जांच करती है.
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नय्यर हसनैन खान ने शनिवार को बताया, ‘‘कई मामलों में हमारी जांच से पता चला है कि बिहार में सक्रिय अंतरराज्यीय या अंतर्राष्ट्रीय गिरोहों से जुड़े संचालक मुख्य रूप से कीमती मूर्तियों या प्राचीन कलाकृतियों की चोरी के मामलों में शामिल हैं. हम पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं और मूर्ति चोरी के मामले हमेशा हमारी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं.’’
राज्य सरकार ने पहले ही संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण मंदिरों और वहां संरक्षित कलाकृतियों की जिलेवार सूची तैयार करने का निर्देश दिया है. इसमें विशेष रूप से मंदिरों की चल और अचल संपत्तियां, वहां स्थापित देवताओं के नाम और मूर्तियों की अनुमानित लागत का उल्लेख होना चाहिए. सूची में देखभाल करने वाले के नाम और उनके फोटो भी शामिल होने चाहिए.
(इनपुट:पीटीआई-भाषा)