Caste Census in Bihar: बिहार में जातिगत सर्वेक्षण कराने के नीतीश सरकार के फैसले के खिलाफ मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में एक नई याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया है कि राज्य सरकार का यह कदम संविधान के मूल ढ़ांचे का उल्लंघन है. ‘हिंदू सेना’ के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि अधिसूचना “भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक” है.
इसी तरह की अन्य याचिकाएं 20 जनवरी को प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आने की संभावना है. मंगलवार को दायर जनहित याचिका में बिहार सरकार के उपसचिव द्वारा राज्य में जातिगत सर्वेक्षण कराने के संबंध में जारी की गई अधिसूचना को रद्द करने और संबंधित अधिकारियों को कवायद से रोकने का आग्रह किया गया है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि 6 जून, 2022 की अधिसूचना संविधान के समानता से जुड़े अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है. इसमें कहा गया है कि संबंधित अधिसूचना “अवैध, मनमानी, तर्कहीन और असंवैधानिक” है. कहा गया है कि जनगणना अधिनियम केवल केंद्र सरकार को जनगणना करने का अधिकार देता है और राज्य सरकार के पास इसे स्वयं करने का कोई अधिकार नहीं है.
(इनपुट:पीटीआई-भाषा)
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